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अपने बयान से पलटे अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष

हरिद्वार। हरकी पैड़ी पर मुख्यमंत्री के साथ गंगा आरती पर आए मुख्य सचिव को खरी-खोटी सुनाने के बाद अखाड़ा परिषद अध्यक्ष नरेंद्र गिरी ने सफाई दी है। उन्होंने अपने बयान में इसे अब मुख्य सचिव की मजबूरी बताया है। उन्होंने कहा है कि मुख्य सचिव ने उन्हें बताया है कि कुंभ मेले में जो सख्ती की जा रही है, वह उच्च न्यायालय के आदेश के कारण की जा रही है। गौर हो कि बीते दिनों मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत, गंगा सभा और सभी 13 अखाड़ों के प्रतिनिधियों ने मिलकर कुंभ के सफल आयोजन की कामना के लिए हरकी पैड़ी पर गंगा आरती की थी। मुख्यमंत्री के साथ मुख्य सचिव ओम प्रकाश के गंगा आरती में आने पर अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी ने सवाल खड़े किए थे. उन्होंने कहा था कि मुख्य सचिव कुंभ मेला खराब करना चाहते हैं। उन्हें गंगा पूजन में नहीं आना चाहिए था। वहीं, अब नरेंद्र गिरी ने अपने उस बयान पर कहा है कि कुंभ के निर्विघ्न संपन्न, कोरोना की समाप्ति और प्रदेश के विकास की कामना के लिए गंगा पूजन किया गया था। जिसके बाद मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया था कि सभी 13 अखाड़ों को तत्काल सभी सुविधाएं दी जाएंगी। उन्होंने बताया कि गंगा पूजा के बाद मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने उनके साथ बातचीत की। उन्होंने बताया कि कुंभ मेले में जो भी सख्ती की जा रही है, वो हाइकोर्ट के आदेश के चलते की जा रही है। जिस पर उन्होंने कहा कि कोर्ट का आदेश तो है, लेकिन मेले की व्यवस्थाएं भी तो जरूरी हैं। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव ने उन्हें आश्वासन दिया है कि जिन 10 अखाड़ों को भूमि का आवंटन रह गया है, वह कार्य जल्द ही पूरा किया जाएगा।

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