कैंपा के तहत उत्तराखंड को मिलेंगे 950.80 करोड़ रुपये
देहरादून: प्रतिकारात्मक वन रोपण निधि प्रबंधन योजना अभिकरण (कैंपा) के तहत उत्तराखंड को बड़ी मदद मिली है। राष्ट्रीय कैंपा की एक्जीक्यूटिव कमेटी की मंगलवार को हुई बैठक में चालू वित्तीय वर्ष के लिए राज्य की 950.80 करोड़ रुपये की वार्षिक कार्ययोजना पर मुहर लगा दी गई। यह पहला मौका है, जब कैंपा में किसी राज्य के लिए इतनी राशि की कार्ययोजना अनुमोदित की गई है। इससे पहले उत्तराखंड में पिछले वर्ष दो चरणों में कैंपा की 353 करोड़ की कार्ययोजना मंजूर हुई थी। चालू वित्त वर्ष की कार्ययोजना में नदियों के पुनर्जीवीकरण, आजीविका विकास, जल समेट क्षेत्रों का उपचार, मानव-वन्यजीव संघर्ष की रोकथाम, स्थानीय समुदाय को रोजगार समेत अन्य कार्यों पर फोकस किया गया है।
उत्तराखंड में विभिन्न योजनाओं के लिए आवंटित की जाने वाली वन भूमि के एवज में क्षतिपूरक वनीकरण में कैंपा का सबसे महत्वपूर्ण योगदान है। इसके साथ ही कैंपा के माध्यम से स्थानीय निवासियों को रोजगार, मानव-वन्यजीव संघर्ष की रोकथाम समेत दूसरे कार्य भी कराए जा रहे हैं। इसे देखते हुए चालू वित्तीय वर्ष में विभिन्न कार्यों को समाहित करते हुए कैंपा की 950.80 करोड़ की वार्षिक कार्ययोजना तैयार की गई। राज्य स्तरीय स्टीयरिंग कमेटी से अनुमोदित होने के बाद इसे अनुमोदन के लिए राष्ट्रीय कैंपा को भेजा गया।
राष्ट्रीय कैंपा की एक्जीक्यूटिव कमेटी की की बैठक में उत्तराखंड समेत अन्य राज्यों की वार्षिक कार्ययोजनाओं पर विमर्श हुआ। बैठक से वर्चुअली जुड़े उत्तराखंड कैंपा के सीईओ जेएस सुहाग के अनुसार गहन विमर्श के बाद कमेटी ने राज्य की वार्षिक कार्ययोजना को अनुमोदित कर दिया। उन्होंने कहा कि मई प्रथम सप्ताह में बैठक का कार्यवृत्त जारी होने के बाद शासन द्वारा कैंपा के लिए अनुमोदित राशि अवमुक्त कर दी जाएगी। उन्होंने जानकारी दी कि इस वर्ष कैंपा में एक दर्जन से अधिक नदियों के पुनर्जीवीकरण, विभिन्न नदियों व जलस्रोतों के जल समेट क्षेत्र (कैचमेंट एरिया) के उपचार के लिए विशेष प्रविधान किया गया है। कैचमेंट एरिया ट्रीटमेंट योजना में आजीविका विकास पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
सुहाग के मुताबिक कैंपा के तहत होने वाले कार्य आमजन की भागीदारी से कराए जाएंगे, ताकि स्थानीय निवासियों को रोजगार उपलब्ध हो सके। इसके तहत स्वयं सहायता समूहों, महिला मंगल दलों और वन पंचायतों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। वनों की आग से रोकथाम, बुग्यालों का संरक्षण, रेसक्यू सेंटर समेत विभिन्न योजनाओं को कार्ययोजना में शामिल किया गया है।
वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने बताया कि कोरोना महामारी के दौर में उत्तराखंड को कैंपा से 950 करोड़ का संबल मिला है, जो एक बड़ी उपलब्धि है। इससे वनों के संरक्षण में मदद मिलेगी, साथ ही प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट जल संरक्षण की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाए जा सकेंगे। सबसे महत्वपूर्ण ये कि संकट के इस दौर में हम कैंपा के माध्यम से स्थानीय निवासियों के लिए रोजगार के अवसर सृजित कर सकेंगे, जिसकी वर्तमान में सबसे बड़ी जरूरत है। कैंपा की इस कार्ययोजना के अनुमोदन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय वन एवं मंत्री प्रकाश जावडेकर के प्रति आभार।
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