लुठियाग गांव की महिलाओं ने जलस्रोत किए पुनर्जीवित
रुद्रप्रयाग। उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले की जखोली ब्लॉक के ग्राम पंचायत लुठियाग में महिलाओं ने सामूहिक प्रयास कर जल संरक्षण की दिशा में अनोखी पहल की है। चाल-खाल (छोटी झील) बनाकर वर्षा जल संरक्षण किया। इससे सूख चुके प्राकृतिक जलस्रोत को पुनर्जीवित करने में मदद मिली और गांव में पीने के पानी की किल्लत को दूर किया गया। साथ ही सिंचाई के लिए भी पानी उपलब्ध हुआ। गांव में महिलाओं द्वारा किए गए जल प्रबंधन की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सराहना की थी। 204 परिवारों वाले इस गांव में अब वर्षभर पर्याप्त जलापूर्ति हो रही है। साथ ही यहां के काश्तकार वर्ष में दो से तीन फसलों का उत्पादन भी कर रहे हैं, जिससे उनकी आर्थिकी को भी नया आयाम मिल रहा है।
रुद्रप्रयाग जिले में समुद्रतल से 2170 मीटर ऊंचाई पर स्थित चिरबटिया-लुठियागगांव उच्च हिमालय में बसा हुआ है। वर्ष 1991 में भूकंप से गांव का मुख्य पेयजल स्रोत ध्वस्त हो गया था, जिसके बाद गांव में सिर्फ एक ही स्त्रोत था। इसमें केवल बरसात के सीजन में ही पानी आता था, जबकि अन्य महीनों यहां सूखा रहता था। ग्रामीणों को रोजाना पीने के पानी के लिए तीन किमी दूर जाना पड़ता था। 2014 में राज राजेश्वरी ग्राम कृषक समिति का गठन कर गांव के हर घर को जलापूर्ति का संकल्प लिया।
रिलायंस फाउंडेशन के सहयोग से पांच जून 2014 को विश्व पर्यावरण दिवस पर 104 परिवारों की महिलाओं के साथ ग्रामीणों ने पेयजल स्रोत से सवा किमी ऊपर जंगल क्षेत्र में खाल बनाने का कार्य शुरू किया गया। एक माह की मेहनत के बाद ग्रामीणों ने 40 मीटर लंबी और 18 मीटर चौड़ी खाल का निर्माण किया। उस वर्ष, बरसात में खाल में काफी पानी एकत्रित हुआ, जिससे पूरे क्षेत्र को अच्छी नमी मिल गई। वर्ष 2015 में इस झील में पांच लाख लीटर पानी एकत्रित हुआ, जिससे गांव के पेयजल स्त्रोत रिचार्ज होने लगे। साथ ही अन्य नम स्थलों पर भी जलस्रोत फूटने लगे।
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