बेसहारों का सहारा बनी भावना पांडे
देहरादून से दूरस्थ पहाड़ी क्षेत्र_ _द्वाराहाट अल्मोड़ा जागेश्वर, बागेश्वर, सोमेश्वर, आदि क्षेत्रों के सैकड़ों परिवारों के लिए_ भिजवाई राहत सामग्री, सेनिटाइजर, मास्क
देहरादून/हल्द्वानी।कोरोना की इस महामारी में जहां जनप्रतिनिधियों को जनता के साथ खड़ा होना चाहिए था लेकिन आलम यह है कि कई विधानसभा क्षेत्रों में वे खोजें नहीं मिल रहे हैं ।पर आज भी समाज में कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्हें इस महामारी में जनता का करुण रुदन तो सुनाई ही दे रहा है। साथ ही वे संकट की इस घड़ी में पूरे सामर्थ के साथ जनता की मदद के लिए आगे आए है।ऐसे ही चंद नामचीन हस्तियों में नवगठित पार्टी (हम सबकी पार्टी) की राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तराखंड आंदोलनकारी सुश्री भावना पांडे का नाम भी शुमार है ।भावना इन दिनों पूरे उत्तराखंड का तूफानी दौरा कर लोगों को हर संभव सहायता उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही हैं ।कुमाऊं के सुदूरवर्ती क्षेत्रों जहां फल सब्जी खाद्यान्न दवाइयों का आज संकट बना हुआ है । वहां के लिए इस नेत्री ने हर संभव मदद भेजने के लिए हाथ आगे बढ़ाए हैं । जन सहायता के इसी क्रम में आज जनपद अल्मोड़ा बागेश्वर के दूरस्थ क्षेत्र के लोगों के लिए आज उन्होंने कोरोना काल के इस दौर में सैकड़ों परिवारों के लिए भरपूर मात्रा में विभिन्न प्रकार की सब्जियां ,राशन, मास्क सेनिटाइजर भिजवा करके मानवता की मिसाल कायम की है।
उन्होंने अपने निजी खर्चे से वाहनों से यह सामग्री भिजवायी है।.
समाजसेवी भावना पांडे ने कहा कि गांवों तक रसद पहुंचाने में दिक्कत आ रही है। भौगोलिक स्थितियां अलग-अलग हैं। ऐसे में प्रबंधन होने में कुछ देरी हो रही है, लेकिन उन्होंने वादा किया कि वो गढ़वाल और कुमाऊं क सभी जिलों के कंटेनमेंट जोन और जरूरतमंदों को मदद करने का प्रयास करेंगी। उन्होंने कहा कि अगले एक सप्ताह में वो पौड़ी, यमकेश्वर, टिहरी, रुद्रप्रयाग और चमोली में राशन और सब्जी भिजवाएंगी उनके इस पुनीत कार्य से पहाड़वासी बेहद गदगद नजर आ रहे हैं ।पहाड़ की जनता ने संकटकाल में भावना द्वारा उनकी की गई मदद के लिए उनकी मुक्त कंठ से सराहना करते हुए धन्यवाद अदा किया है। पहाड़ की जनता ने भावना पांडे का शुक्रिया अदा करते हुए कहा है, कि आपदा की इस घड़ी में उन्होंने सैकड़ों परिवारों के मदद के लिए जो हाथ आगे बढ़ाया है उसके लिए वे सदैव उनके आभारी रहेंगे। पहाड़ के लिए रसद के वाहनों की रवानगी के बाद भावना पांडे ने समाचार पत्र प्रतिनिधियों से बातचीत करते हुए कहा की उनका पहाड़ से हमेशा लगाव रहा है। और वे इसी पहाड़ की बेटी हैं उन्होंने कहा कि वे अपने कार्यों के सिलसिले में चाहे जहां कहीं भी रहती हो लेकिन पहाड़ हमेशा उनके दिल में जिंदा रहता है ।भावना ने कहा की पहाड़ की बेटी होने के नाते उन्होंने पहाड़ के दुख दर्द को बचपन से ही अपनी आंखों से देखा है उसे महसूस किया है। उन्होंने कहा की आपदा की इस घड़ी में उनसे जो संभव वन पड़ रहा है वे करने का प्रयास कर रही हैं ।भावना ने कहा वैसे भी यह उनका नैतिक दायित्व है की संकट की इस घड़ी में वे अपने लोगों के काम आएं। उन्होंने कहा कि संकट के इस समय लोगो की मदद कर उन्हें जो आंतरिक सकून मिल रहा है उसे वे शब्दों में बयां नहीं कर सकती
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