हरिद्वार। उत्तराखंड में कोरोना की बेकाबू रफ्तार को देखते हुए राज्य सरकार ने निजी क्षेत्र के लोगों से भी सहयोग लेना शुरू कर दिया है। पतंजलि के सहयोग के बाद एक और बड़े संत ने अपने आश्रम को कोविड अस्पताल बनाने के लिए सहमति दे दी है। हरिद्वार के बड़े आश्रमों की श्रृंखला वाले जयराम आश्रम के प्रमुख ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी ने भी हरिद्वार का अपना 400 कमरों का एक आश्रम कोविड अस्पताल के तौर पर देने की घोषणा की है।
सीएम तीरथ सिंह रावत मंगलवार को ब्रह्मस्वरूप के जयराम आश्रम पंहुचे थे, जहां उन्होंने ब्रह्मस्वरूप से कोरोना में सहयोग की अपील की। वहीं जानकारी के तहत जल्द ही आश्रम को ऋषिकेश एम्स द्वारा संचालित किया जा सकता है।बता दें कि इससे पहले हरिद्वार में कुंभ मेले के लिए बने बेस अस्पताल को पतंजलि की मदद से कोरोना क्रिटिकल केयर सेंटर के रूप में शुरू किया गया है। ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी ने कहा कि इस भारी विपदाकाल में मानवता की सेवा करना हम सब का धर्म है। इसे देखते हुए हमने 400 कमरों के आश्रम को कोविड केयर के लिए देने का फैसला किया है। उन्होंने हरिद्वार के अन्य संतों व धार्मिक संस्थाओं से भी अपील करते हुए कहा कि सभी आगे आकर कोरोना संकट को दूर करने में सहयोग करें। गंगा स्वरूप आश्रम को कोविड केयर सेंटर के रूप में तब्दील करने के लिए जयराम आश्रम आर्थिक सहयोग भी मुहैया कराएगा। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के मुताबिक गंगास्वरूप आश्रम को कोविड सेंटर के रूप में संचालित करने के लिए ऋषिकेश एम्स से बातचीत हुई है। जल्द ही एम्स प्रशासन इस आश्रम को कोविड केयर सेंटर के रूप में संचालित करना शुरू कर देगा। मदन कौशिक ने बताया कि कोरोना के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा कई अस्पताल तैयार किए जा रहे हैं। हमारे द्वारा भी अखाड़ों के साधु-संतों से वार्ता की जा रही है। सभी अखाड़े मिलकर एक बड़ा कोविड सेंटर को संभाल ले, तो काफी दिक्कतें खत्म हो सकती हैं। इसको लेकर हमारे द्वारा बातचीत भी की जा रही है।
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