बच्चों को ‘पीएम-केयर्स फॉर चिल्ड्रन’ के जरिए मिलेगी मदद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को घोषणा की कि कोरोना महामारी के कारण माता-पिता या अभिभावक दोनों को खोने वाले सभी बच्चों को पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना के तहत सहायता दी जाएगी. साथ ही कहा कि ऐसे बच्चों को 18 साल की उम्र में मासिक वजीफा और 23 साल की उम्र में पीएम केयर्स से 10 लाख रुपए का फंड मिलेगा.
इससे पहले शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने सभी जिलाधिकारियों को ऐसे बच्चों की जानकारी पोर्टल पर अपलोड करने का आदेश दिया, जो मार्च 2020 के बाद से अनाथ हुए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र और और राज्य के वकील को इस मामले में नवीनतम जानकारी मिलनी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे बच्चों के अधिकारों की रक्षा और बिना सरकारी आदेश के भी उनकी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने का आदेश दिया. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों से कहा कि ऐसे आप बच्चों की पीड़ा को समझेंगे और तुरंत स्थिति का समाधान करेंगे.
वहीं शनिवार को ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोरोना के कारण अनाथ हुए बच्चों के संरक्षण और उनकी देखभाल के लिए एक विशेष योजना को लागू करने का निर्णय लिया गया है. साथ ही कहा कि उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के नाम पर ये योजना संचालित होगी.
वहीं मंगलवार को केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने राज्यों से मिली रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि था कि इसी साल एक अप्रैल से 26 मई दोपहर दो बजे तक 577 बच्चे कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर में अपने माता-पिता के निधन के कारण अनाथ हो गए हैं. उन्होंने इस बात पर जोर भी दिया कि सरकार कोविड के कारण अपने माता-पिता को खोने वाले हर बच्चे के संरक्षण एवं सहयोग के लिए प्रतिबद्ध है.
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