पहाड़ के गांवों में बेकाबू हो रहा कोरोना: भावना पांडे
पर्वतीय जिलों की सुध ले सरकार, दवाएं और इलाज दें
विधायक निधि का तुरंत और सही उपयोग करने की जरूरत
देहरादून। राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने कहा है कि शहरों में बेकाबू कोरोना ने अब गांवों मे ंपैर पसार दिये हैं। पर्वतीय जिलों में कोरोना का कहर है। कई गांवों में घर-घर में लोग बीमार हैं, लेकिन उनकी टेस्टिंग भी नहीं हो रही है और इलाज की सुविधा भी नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार को तुरंत गांवों की ओर ध्यान देना चाहिए और वहां टेस्टिंग, ट्रेसिंग और इलाज की सुविधा मुहैया करानी चाहिए नही ंतो गांवों में मौतों का सिलसिला नहीं रुकेगा।
राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने कहा कि कोरोना अब तेजी से गांवों में फैल रहा है। चमोली के बाजबगड़ गांव के लिए सब्जी और अन्य जरूरत का सामान भेजने के बाद उन्होंने कहा कि गांव पूरी तरह से कोरोनाग्रस्त है। इसे कंटेनमेंट जोन बना दिया गया है और लोग यहां आलू के पत्ते की सब्जी खाने को विवश हैं। उन्होंने कहा कि इसी तरह से टिहरी के प्रतापनगर इलाके में भी कोरोना फैल चुका है और स्थानीय विधायक विजय सिंह पंवार नदारद हैं। भावना पांडे ने कहा कि गढ़वाल और कुमाऊ में कोरोना का कहर है और सरकार ने ग्रामीणों को उनके हाल पर छोड़ दिया है। उन्होंने नाराजगी जतायी कि एक साल बाद भी पौड़ी, रुद्रप्रयाग, टिहरी और चमोली के लिए एक ही लैब श्रीनगर मेडिकल कालेज में है। इसी तरह से कुमाऊं के कई इलाकों में टेस्टिंग की भी सुविधा नहीं है। गांवों में बुखार की दवाई भी नहीं मिल रही है।
राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने कहा कि विधायकों को अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में रहना चाहिए। विधायक निधि से जो एक करोड़ की राशि मिली है उसका तुरंत सही इस्तेमाल होना चाहिए। मरीजों की जांच हो, उनको दवाएं, आक्सीजन, कोविड केयर सेंटर में बेड और सही इलाज मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि विधायकों और नेताओं की उदासीनता के कारण गांवों में कोरोना फैला है। दिनों दिन हालात बेकाबू हो रहे हैं। यदि पहाड़ में हालात नहीं संभले तो इसके लिए सरकार, मंत्री और विधायक जिम्मेदार होंगे। 2022 में जनता इन नेताओं को सबक सिखाने का काम करेगी।
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