Site icon Memoirs Publishing

कोरोना ने बदले रिवाजः बारात लेकर साथ फेरे लेने दूल्हे के घर पहुंची दुल्हन

चंपावत। जिले में कोरोना का कहर कुछ इस तरह बरप रहा है कि लोग परंपरा बदलने पर मजबूर हैं। हालिया दिनों में दो शादियां ऐसी हुई हैं जो परंपरा के लिहाज से ऐतिहासिक कही जा सकती हैं। क्षेत्र के ग्राम स्वाला में एक साथ 47 लोगों के कोरोना संक्रमित होने के कारण जिला प्रशासन की ओर से गांव को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया था। गांव में 11 मई से आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। इस दौरान पूर्व से तय शादी पर इसका असर पड़ना तय था। प्रशासन की ओर से इस शर्त के साथ विवाह समारोह आयोजित करने की अनुमति दी गई कि वधू पक्ष के लोग सीमित संख्या में दूल्हे के घर जाकर शादी कर सकते हैं। इसके बाद 12 मई को पहली बार पुनाबे के रमेश बिनवाल की बेटी प्रियंका चार लोगों के साथ बरात लेकर स्वांला निवासी दूल्हा प्रकाश चंद्र भट्ट के घर पहुंची और विवाह कार्यक्रम संपन्न हो सका। ऐसी ही एक शादी शुक्रवार को रायनगर चैड़ी के केशव दत्त की पुत्री प्रीति की भी हुई, जो माता-पिता और पंडित के साथ स्वाला गांव पहुंची। यहां उसका विवाह दिले राम भट्ट के पुत्र ईश्वरी दत्त भट्ट के साथ संपन्न हुआ। विवाह समारोह में शामिल सभी लोगों को प्रशासन की ओर से होम आइसोलेट कर दिया गया है। दूसरी घटना बेलखेत गांव की है, यहां विवाह संपन्न होने के बाद भी दुल्हन कोरोना गाइडलाइन के कारण विदा नहीं हो सकी। आठ मई को ऊधम सिंह नगर जिले के चकरपुर से पंकज अधिकारी का विवाह बेलखेत निवासी सीमा के साथ तय हुआ था। कोरोना संक्रमण से बचने के कारण दोनों का विवाह पीपीई किट पहन कर स्वास्थ्य और राजस्व विभाग के अधिकारियों की देखरेख में संपन्न हुआ। इसके बाद दुल्हन को होम आइसोलेट किया गया, जबकि दूल्हा बिना दुल्हन के घर लौटा। अब 17 दिन की आइसोलेशन अवधि पूरी होने के बाद ही दुल्हन की विदाई हो सकेगी।

Share this content:

Exit mobile version