पत्रकारो की उपेक्षा,14 को मुख्यमंत्री आवास पर दूँगा धरना
देहरादून।
विश्वजीत नेगी ने कहा कि प्रदेश के पत्रकारों की जिस तरीके से आज उत्तराखंड में उपेक्षा हो रही है किसी से छुपा नहीं है चौथा स्तंभ कह कर के चौथे स्तंभ को हिलाने में किसी ने कोई कसर नहीं छोड़ी है, प्रदेश के मुखिया पत्रकारों के लिए कोरोना वॉरियर्स घोषित करने की बात कहते है उनको वैक्सीन लगाए जाने की घोषणा प्रदेश के मुखिया करते हैं परंतु उनके नीचे के अधिकारी उस घोषणाओं को रद्दी का कागज समझ कर फाइलों में दबा देते हैं। जबकि मुख्यमंत्री की घोषणा को राजाज्ञा माना जाता है
प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के निर्देश के बाद भी उत्तराखंड में पत्रकारों को नहीं मानने को तैयार कॅरोना वरियर आखिर क्यों ?
वही मुख्यमंत्री का विभाग सूचना जिसके महानिदेशक बड़ा सा पत्र जारी कर सोशल मीडिया में डालते हैं कि कॅरोना से पीड़ित पत्रकारों का हाल जाना जाएगा हाल तो दूर उन्हें बहाल करने में भी सूचना विभाग ने कोई कसर नहीं छोड़ रखी है,हाल जानते जानते कई पत्रकारो को कॅरोना लील गया। यदि यही कुछ इनके साथ गुजर होता तो भी यही करते जो आज पत्रकारो के साथ कर रहे है। भुखमरी ओर परेशानी से जूझ रहे छोटे पत्रकारो की सुध कौन लेगा डी जी सूचना साहब, क्या पत्रकारो के लिए एक वैक्सीनेशन कैम्प भी आयोजित नही करा पा रहे हैं तो पद छोड़ दीजिए । यह सब बात इसलिए भी कह रहा हूं कि चौथे स्तंभ को संभालने की जिम्मेदारी आपको दी गई है आप अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन नही कर पा रहे हैं ।
इन सब घटनाओं से व्यथित होकर मैं 14 तारीख को प्रदेश के मुख्यमंत्री के आवास के बाहर धरने पर बैठूगा या तो 14 से पहले प्रदेश के पत्रकारो व उनके परिजनों के लिए सभी जनपदों में अलग वैक्सीनेशन कैंपो की व्यवस्ता व अन्य व्यवस्थाओं को सुधार कर लिया जाए अन्यथा मेरा धरना किसी भी हालत में नहीं रुकेगा। मेरे एक एक पत्रकार साथी की मौत के जिम्मेदार उन अधिकारियों के विरुद्ध भी कार्यवाही करवाने की मांग करता हूं जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जिम्मेदार हैं।
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