सच बोलने पर तिलमिला रहे हैं नेता: भावना पांडे
आम आदमी पार्टी की आईटी सेल पीछे पड़ी
जनता की आवाज उठाना कोई गुनाह नहीं
देहरादून। राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने कहा कि कोरोना काल में वह जनता की आवाज उठा रही हैं। पर्वतीय जिलों में मरीजों को दवाएं नहीं मिल रही हैं। उनको कोरोना किट नहीं मिल रही है। इलाज नहीं मिलने से कई लोगों की जान जा रही है लेकिन नेता बेसुध हैं। उनके अनुसार जब सरकार ने विधायकों को एक करोड़ की विधायक निधि दे दी है तो इसका उपयोग मरीजों के लिए इलाज के लिए होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सच बोलने पर नेताओं को बुरा लग रहा है और वो अपने समर्थकों और आईटी सेल को विरोध में अभद्र कमेंट्स कर रहे हैं।
राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने कहा कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण गांव-गांव तक फैल गया है। लेकिन नेता अब भी चुप्पी साधे हुए हैं। वो उत्तराखंड की बेटी और राज्य आंदोलनकारी होने के नाते जनता की आवाज उठा रही हैं। उनका सवाल है कि भाजपा और कांग्रेस ने पिछले 20 साल में प्रदेश में बारी-बारी से शासन किया लेकिन न तो गांवों में अस्पताल बनवाए और न ही वहां की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को दुरस्त किया। आज गांवों में अस्पतालों में न तो डाक्टर हैं और न स्टाफ। बुखार की दवा भी नहीं हैं। ऐसे में स्थानीय विधायकों की जिम्मेदारी है कि वो विधायक निधि के एक करोड़ का सही उपयोग करें और कोरोना से लड़ने के लिए अपने-अपने क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाएं, कोरोना किट, कोविड केयर सेंटर, दवाएं, स्टाफ आदि की व्यवस्थाएं करें। उन्होंने कहा कि नेता आपदा में भी अवसर तलाश रहे हैं और दवाओं और इलाज में भी कमीशनखोरी और ब्लैॅक मार्किटिंग कर रहे हैं।
राज्य अंादोलनकारी भावना पांडे ने कहा कि एक इंटरव्यू में उन्होंने आम आदमी पार्टी के उत्तराखंड में विरोध की बात कही थी। उन्होंने कहा कि हम उत्तराख्ंाड को दिल्ली नहीं बनने देंगे। उन्होंने पार्टी के उत्तराखंड में चेहरे कर्नल कोठियाल के एक होटल में महिला के साथ छेड़खानी करने का मामला उठाया था जो कि सच है। इस सच पर आप नेता और समर्थक तिलमिला गये। आप के आईटी सेल उनके साक्षात्कार में अभद्र टिप्पणियां करने लगे। उन्होंने कहा कि आप का स्तर बहुत नीचे हैं। जब वो एक महिला की कद्र नहीं करते हैं तो राज्य को किस ओर ले जाएंगे, यह सवाल उठना लाजिमी है। उन्होंने दोहराया कि आम आदमी पार्टी को उत्तराखंड में पांव पसारने नहीं दिये जांएगे। उन्होंने कहा कि यदि जरूरत पड़ी और यूकेडी और उनका दल मिलकर चुनाव लड़ेगा।
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