उत्तरकाशी। यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा का आगाज हो गया है। वहीं दूसरी ओर मां गंगा की भोगमूर्ति भी देवडोली के साथ अपने शीतकालीन प्रवास मुखबा से ढोल-दमाऊ और स्थानीय परंपरा के साथ गंगोत्री धाम के लिए रवाना हो गई है। मां गंगा के साथ 25 पुजारी और प्रशासन की टीम मौजूद है। 15 मई (शनिवार) को सुबह गंगोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया के अवसर पर मिथुन लग्न की शुभ बेला पर सुबह 7 बजकर 31 मिनट पर 6 माह के लिए विधि-विधान के साथ खोल दिए जाएंगे। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार मां गंगा की शीतकालीन प्रवास मुखबा में विशेष पूजा-अर्चना कर फाफरे का भोग लगाया गया। उसके बाद मां गंगा की डोली कर्क लग्न में बैशाख द्वितीय में 11 बजकर 45 मिनट पर गंगोत्री धाम के लिए रवाना हुई। मां गंगा की डोली आज शाम को भैरों घाटी पहुंचेगी। जहां पर मां गंगा की डोली भैरों मंदिर में रात्रि विश्राम करेगी। प्रशासन की मौजूदगी में मां गंगा की डोली भी प्रदेश सरकार की एसओपी के अंतर्गत रवाना हुई। शनिवार सुबह मां गंगा की डोली गंगोत्री धाम पहुंचेगी। जहां पर विधि-विधान के साथ गंगोत्री धाम के कपाट मिथुन लग्न में शुभ बेला पर 7 बजकर 31 मिनिट पर 6 महीनों के लिए खोल दिये जाएंगे। वहीं इस बार भी मुखबा सहित स्थानीय ग्रामीणों को निराश होना पड़ा। क्योंकि हर वर्ष मां गंगा को स्थानीय ग्रामीण बेटी की तरह 6 महीनों के लिए विदा करते हैं। लेकिन कोरोना के कारण ग्रामीणों ने घर से मां को प्रणाम कर विदा किया।
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