दिल्ली के खान मार्केट से पुलिस ने जब्त किये 96 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर
दिल्ली: देश कोरोना महामारी की दूसरी लहर से बुरी तरह से परेशान है। इस स्थिति में जहां लोग देश के साथ-साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं, तो वहीं कुछ ऐसे मामले भी आ रहे हैं जो मानवता को शर्मसार कर रहे हैं। वहीं कुछ लोग इस आपदा को अवसर में बदलने का प्रयास गलत तरीके से धन उगाही करके कर रहे हैं।
कोरोना की इस चुनौतीपूर्ण स्थिति में एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना सामने आई है। इस आपातकालीन स्थिति में एक एंबुलेंस ड्राइवर मरीजों का फायदा उठा रहा है। दिल्ली पुलिस ने एक एंबुलेंस चालक के खिलाफ शिकायद दर्ज की है। एंबुलेंस चालक पर आरोप है कि उसने मरीज को एक स्थान से दूसरे स्थान पर शिफ्ट करने के लिए एक लाख 20 हजार रुपये किराए के रूप में वसूले हैं। बता दें कि मरीज को सोमवार को गुरुग्राम से लुधियाना शिफ्ट किया गया था।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक ड्राइवर ने शुरुआत में एक लाख 40 हजार रुपये की मांग की थी। हालांकि जब मरीज ने कहा कि उसके पास ऑक्सीजन स्टॉक है तो ड्राइवर ने 20,000 रुपये कम करने पर सहमति जताई। इस दौरान एंबुलेंस चालक ने मरीज को रशीद भी काटकर कर दी। जहां पर 350 किलोमीटर की दूरी के लिए एक लाख 20 हजार रुपये किराए का उल्लेख है।
राष्ट्रीय राजधानी से जो मामला सामने आया है, वह इस बात का उदाहरण है कि कोरोना काल में कैसे आवश्यक वस्तुओं की कालाबाजारी बढ़ी है। वर्तमान समय में जब मरीज अस्पतालों में बिस्तर पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, तो ऐसे समय में यह घटना निश्चित रूप से मरीजों और अधिकारियो के चिंताजनक है।
हाल ही में, हरियाणा में राजेंद्र अस्पताल से फतेहाबाद तक एक शव को पहुंचाने के लिए 1,5000 रुपये की राशि वसूलने की खबरें आई थीं। इससे पहले, दिल्ली पुलिस ने एक कोरोना मरीज को शिफ्ट करने के लिए 8,500 रुपये वसूलने के लिए एक एम्बुलेंस ड्राइवर को गिरफ्तार किया था।
गौरतलब है कि हाल ही बिहार सरकार ने एंबुलेंस का किराए को तय कर दिया है। सरकार ने नॉन एसी एंबुलेंस के लिए 50 किलोमीटर का तक किराया 1500 रुपये तय किया है। वहीं इसके आगे जाने पर किलोमीटर के हिसाब से भाड़ा देना होगा। इसके अलावा एसी एंबुलेंस के लिए भी किलोमीटर के मुताबिक किराय तय किया गया है। बिहार सरकार से सबक लेकर सभी राज्यों को एंबुलेंस चालकों की मनमानी रोकने के लिए कदम उठाना चाहिए।
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