पुरानी जगह पर बनेगा सिंगटाली पुल, सीएम तीरथ ने पलटा त्रिवेन्द्र का एक और फैसला
देहरादून: उत्तराखंड की तीरथ सिंह रावत सरकार ने पूर्ववर्ती त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार का एक और फैसला पलट दिया है। उन्होंने आदेश दिया है कि सिंगटाली में बनने वाला पुल पुराने स्थान पर ही बनेगा। इस शासनादेश जारी कर दिया गया है। इस पुल के निर्माण से न केवल पौड़ी जिले के सात ब्लॉकों के एक हजार गांवों के लोगों को फायदा मिलेगा बल्कि कुमायूम और गढ़वाल की दूरी भी कम हो सकेगी। बता दें कि 2006 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने सिंगटाली में कौडियाला से ब्यासघाट तक 21 किलोमीटर रोड़ के साथ ही गंगा नदी में 270 मीटर लंबे मोटर पुल को स्वीकृत किया था। यह पुल टिहरी जिले के नरेंद्रनगर ब्लॉक के सिंगटाली और पौड़ी जिले के यमकेश्वर ब्लॉक के ढांगूगढ़ के बीच बनाया जाना था। ढांगू विकास समिति ने इसके लिए कई बार आवाज उठाई। 30 अगस्त 2016 को 21 किलोमीटर लंबे मोटर मार्ग और मोटर पुल के लिए शासन ने 1579.80 लाख रुपया वित्तीय स्वीकृति प्रदान की थी। यहां 270 मीटर स्पान का मोटर पुल बनना था। इस मामले में कार्यदाई संस्था लोक निर्माण विभाग ने इस स्थान पर भौतिक निरीक्षण कर लिया था।
लंबे इंतजार के बाद जब मोटर पुल के बनने की दिशा में विभाग सक्रिय हुआ तो 15 जनवरी 2020 को राज्य के मुख्य सचिव ने मुख्य अभियंता लोक निर्माण विभाग उत्तराखंड को सूचित किया कि यह मोटर पुल तय स्थान से तीन किलोमीटर आगे बनेगा। स्थानीय लोगों का कहना था कि किसी सेठ के रिजार्ट के लिए यह पुल आगे खिसकाया गया।
इस पूरे मामले में आंदोलनकारियों ने यमकेश्वर विधायक रितु खंडूरी से भी बातचीत की गई है। विधायक ने समिति को अवगत कराया कि 27 जनवरी को इस मामले में वह मुख्यमंत्री से मुलाकात करेंगी। इसके बाद उन्होंने मुख्य सचिव को मोटर पुल निरस्त करने का कारण पूछा था। 18 मई को शासन की ओर से मोटर पुल को निरस्त करने, स्थान बदलने का आदेश निरस्त कर पुराने चयनित स्थल पर ही मोटर पुल बनाने के आदेश जारी किए गए हैं। प्रमुख सचिव आरके सुधांशु की ओर से इस बाबत लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता को आदेश जारी किए गए हैं। मोटर पुल के स्थान परिवर्तन के आदेश को निरस्त करने और पुराने चयनित स्थल पर मोटर पुल बनाने का शासनादेश जारी होने पर ढांगू विकास समिति के अध्यक्ष उदय सिंह और अन्य लोगों ने खुशी जताई है।
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