Site icon Memoirs Publishing

जिला सूचना और स्वास्थ्य विभाग के बीच नहीं था तालेमल

ठगे रह गये वैक्सीनेशन के लिए गये पत्रकार
जिला सूचना और स्वास्थ्य विभाग के बीच नहीं था तालेम
 वैक्सीनेशन के लिए किया आम लोगों के साथ धंटों किया इंतजार

गुणानंद जखमोला

देेहरादून में 18 से 44 साल की उम्र के लोगों के लिए टीकाकरण अभियान आज से शुरू हुआ। कल सूचना महानिदेशालय ने पत्रकारों से आवेदन मांगे थे और तय किया था कि पत्रकारों को प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण किया जाएगा। पहले दिन 30 पत्रकारों को टीकाकरण के लिए बुलाया। टीकाकरण आईएसबीटी के निकट राधास्वामी सत्संग में किया गया। वहां वैक्सीन के लिए पांच काउंटर बनाए थे। गजब की बात ये है कि लोगों को भटकाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने इसे नाम दिया जम्बो एक, दो, तीन, चार और पांच। यानी पांच कांउटरों पर शेड्यूल के अनुसार वैक्सीन लगनी थी।

30 पत्रकारों को यहां बुला लिया गया। यहां सूचना विभाग का एक कर्मचारी भी पहुंचा, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने पत्रकारों के लिए अलग से स्लाॅट नहीं तय किया। जबकि होना यह था कि पत्रकारों के लिए अलग काउंटर होता। या पत्रकारों को मीडिया सेंटर या प्रेस क्म्लब में व्यवस्था की जाती। लेकिन ऐसा नहीं हुआ, इसका परिणाम हुआ कि पत्रकारों को घंटों इंतजार करना पड़ा। इनमें आधा दर्जन महिला पत्रकार भी थी। टीकाकरण के लिए पहुंचे पत्रकारों की खूब फजीहत हुई। पत्रकारों को टीकाकरण के लिए तीन से चार घंटे का इंतजार करना पड़ा और देर शाम तक उनके पास वैक्सीनेशन किये जाने की अधिकृत सूचना भी नहीं पहुंची। सूचना विभाग को सीधे तौर पर स्वास्थ्य विभाग से 30 पत्रकारों के टीकाकरण के लिए अलग से स्लाॅट की व्यवस्था करनी चाहिए थी।

देहरादून के सीएमओ डा. डिमरी कोरोना काल में पहले ही सबसे अधिक आलोचनाओं के शिकार हो रहे हैं। उनकी योग्यता पर संदेह जताया जा रहा है। पत्रकारों ने उनसे शिकायत की तो उन्होंने तुरंत अपना पल्ला झाड़ दिया कि आम लोगों के साथ ही टीकाकरण होगा। अलग से व्यवस्था नहीं होगी। इस बीच डीएम आशीष श्रीवास्तव वहां पहुंचे तो पत्रकारों ने शिकायत की तो उन्होंने संज्ञान लिया और पत्रकारों के लिए टीकाकरण की व्यवस्था करने के आदेश दिये। इसके बाद ही कम भीड़ वाले काउंटर जैम्बो चार पर पत्रकारों का टीकाकरण हुआ। टीकाकरण तो हुआ लेकिन घंटों इंतजार के बाद। इससे अधिक अच्छा तो पत्रकार निजी संबंधों के आधार पर आसानी से टीकाकरण करवा लेते। सूचना महानिदेशालय की इस पहल का क्या औचित्य? हालांकि हल्द्वानी समेत अन्य कई जगहों पत्रकारों को प्राथमिकता दी गयी।

Share this content:

Exit mobile version