अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज में वेंटिलेटर की कवायद शुरू
अल्मोड़ा: कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन, आईसीयू बेड और वेंटिलेटर की देशभर में भारी कमी देखी जा रही है. हालांकि, शासन प्रशासन उन कमियों को दूर करने का लगातार प्रयास कर रही है, लेकिन बढ़ते कोरोना संक्रमितों की तादाद ने मुश्किलें बढ़ा दी है. वहीं, अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज के कोविड वॉर्ड में वेंटिलेटर स्थापित करने की स्वास्थ्य महकमा ने कवायद शुरू कर दी है.
कोरोना के दूसरे फेज में भी डॉक्टरों की कमी और प्रशिक्षण के अभाव में अब तक बेस अस्पताल में वेंटिलेटर संचालित नहीं हो पाया है. अस्पताल को पिछले साल कोरोना काल में 32 वेंटिलेटर मिले थे. अब तक शोपीस बने वेंटिलेटर से गंभीर बीमारी और कोविड से संक्रमित मरीजों को सेवाएं नहीं मिल पा रही हैं.
पीजीआई लखनऊ के पूर्व आईसीयू हेड और पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अरविंद बरौनिया डॉक्टरों को वेंटिलेटर संचालन का प्रशिक्षण देने पहुंचे हैं. डॉ अरविंद कुमार बरौनिया ने बताया कि वेंटिलेटरों से मरीज को फायदा पहुंचे, इसके लिए ट्रेनिंग दी जा रही हैं. साथ ही किन परिस्थितियों में मरीज को वेंटिलेटर की सुविधा मिलनी चाहिए, इसको बताया जा रहा है. उन्होंने कहा कि गंभीर मरीज को वेंटिलेटर की सुविधा दी जाती है.
डिप्टी स्पीकर ने किया निरीक्षण
वहीं, अल्मोड़ा में लगातार कोरोना का संक्रमण बढ़ रहा है. बढ़ते खतरे को देखते हुए लोग अब बड़ी संख्या में वैक्सीनेशन के लिए पहुंच रहे हैं. अल्मोड़ा विधायक और विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान ने रैमजे स्कूल में संचालित वैक्सीनेशन केंद्र पहुंचे और व्यवस्थाओं का जायजा लिया. इस दौरान उन्होंने सोमवार से 18 से अधिक आयु वर्ग के लोगो के लिए शुरू होने वाले वैक्सिनेशन की उचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए.
रघुनाथ सिंह चौहान ने कहा कि अल्मोड़ा की हालात कोरोना से दिन प्रतिदिन बिगड़ रहे हैं. हालांकि, यहां डॉक्टर अच्छा काम कर रहे हैं. वैक्सीनेशन के लिए यहां पर्याप्त व्यवस्थाएं की गई हैं. अभी तक 45 से अधिक आयु वर्ग के लोगों का वैक्सीनेशन किया जा रहा था. आज 204 लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाई गई. सोमवार से 18 से 44 वर्ष के लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी. इसके लिए पहले ही ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन हुए हैं.
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