भुवन जोशी को इंसाफ मिलना चाहिए: भावना पांडे
कहा, लव-जिहादियों को मारो, वहां तो छिप जाते हो
यदि लड़की दोषी है तो उसे भी मिले परिजनों के साथ सजा
देहरादून। राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने अल्मोड़ा के भुवन जोशी हत्याकांड पर दुख जताया है। उन्होंने इस धटना की कड़ी निंदा की है और कहा है कि भुवन जोशी को इंसाफ मिलना चाहिए। उनके मुताबिक भुवन मामला इतना अधिक नहीं था कि उसको पीट-पीट कर मार डाला गया। भुवन को पोक्सो एक्ट के तहत गिरफ्तार कराया जा सकता था। उसकी निर्ममता के साथ हत्या करने दर्शाता है कि लोगों ने विवेक खो कर बहादुरी दिखायी।
राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने कहा कि भुवन जोशी प्रकरण के बारे में उन्हें अधिक जानकारी नहीं है। उनका कहना है कि गलती चाहे भुवन की ही रही हो क्योंकि लड़की भी नाबालिग है और उसको अभी समझ नहीं है। इसके बावजूद लड़की के परिजनों और ग्रामीणों द्वारा भुवन को पीट-पीट कर मार डालना सही नहीं है। परिजन उसे पुलिस के हवाल कर सकते थे। उन्होंने दुख जताया कि सोशल मीडिया पर लड़की को गालियां लिखी जा रही हैं। भावना पांडे ने चिन्ता जतायी कि आज पर्वतीय समाज में भी सोशल मीडिया ने पांव पसार दिये हैं। सोशल मीडिया को देख-पढ़कर नवयुवक और नवयुवतियां पथभ्रष्ट हो रहे हैं। जरूरत अपने बच्चों पर नियंत्रण की है। उनको अनुशासन और नैतिकता का पाठ पढ़ाया जाना चाहिए। भावना पांडे ने कहा कि यदि बच्चों पर अभिभावकों को नियंत्रण नहीं होगा तो वो बिगड़ेंगे ही। उन्होंने कहा कि संभवतः पुराने जमाने में इसलिए बच्चों की शादी कम उम्र ही कर दी जाती थी।
भावना पांडे ने ग्रामीणों द्वारा भुवन जोशी की पिटाई कर हत्या की निंदा करते हुए कहा कि भुवन को इसलिए मार डाला गया क्योंकि वो स्थानीय था और ग्रामीणों को वो कमजोर लगा। उन्होंने कहा कि इन ग्रामीणों की वीरता तब कहां गायब हो जाती है जब कोई लवजिहादी इनके गांव से ही लड़की भगाकर ले जाता है। शादी के नाम पर गढ़वाल और कुमाऊं में हर साल 600 से भी अधिक लड़कियों की तस्करी हो जाती है। भावना के अनुसार लव जिहादियों से निपटने में ग्रामीण नाकाम हैं। हम लव जिहादियों के खिलाफ जागरूक होना होगा और अपने पहाड़ की अस्मिता को बचाना होगा। उन्होंने क्षोभ और गुस्से के साथ कहा कि उत्तराखंडियों को जागना होगा। उन्होंने कहा कि भुवन जोशी को न्याय मिलना चाहिए।
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