जांच में सहयोग करेगी मैक्स कॉरपोरेट सर्विसेज, बिना नोटिस गिरफ्तारी नहीं
नैनीताल : उच्च न्यायालय ने मैक्स कॉरपोरेट सर्विसेज की याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट में याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि वह जांच में सहयोग को पूरी तरह तैयार हैं और 25 जून को जांच अधिकारी के समक्ष पेश होंगे। याचिकाकर्ता के अनुसार उनको अब तक सेक्शन 41 का नोटिस नहीं मिला है, जो सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार सात साल से कम की सजा वाले अपराध में दिया जाना जरूरी है।
न्यायाधीश न्यायमूर्ति एनएस धानिक की एकलपीठ में मैक्स की पार्टनर मल्लिका पंत द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई की गई । न्यायालय ने अर्नेश कुमार बनाम बिहार राज्य में सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के आलोक में याचिकाकर्ता को मनमानी गिरफ्तारी से संरक्षण प्रदान किया है। न्यायालय ने याचिकाकर्ता को जांच में शामिल होने और 25 जून को जांच अधिकारी के समक्ष पेश होने का भी निर्देश दिया है। न्यायालय ने जांच अधिकारी को धारा 41 सीआरपीसी के तहत प्रदान की गई प्रक्रिया का पालन करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि जांच अधिकारी द्वारा नोटिस दिया जाना वैधानिक संरक्षण है।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता डॉ. कार्तिकेय हरि गुप्ता ने अदालत को बताया कि हम जांच में शामिल होने के लिए तैयार हैं और निश्चित रूप से अदालतों के आदेश का पालन करते हुए जांच अधिकारी के सामने पेश होंगे। कोर्ट ने याचिका का अंतिम रूप से निस्तारण कर दिया गया है। उल्लेखनीय है कि हरिद्वार महाकुंभ के दौरान कोविड टेस्ट में फर्जीवाड़ा के मामले में हरिद्वार के मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा मैक्स के साथ ही दो लैबों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। मैक्स ने याचिका में प्राथमिकी निरस्त करने व गिरफ्तारी पर रोक लगाने की प्रार्थना की थी।
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