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राजनीतिक अनुभव से नहीं, सामाजिक अनुभव से होती है जनता की सेवा।

राजनीतिक अनुभव से नहीं, सामाजिक अनुभव से होती है जनता की सेवा।

टिहरी घनसाली- पिछले ढेड़ वर्ष से पूरी दुनिया कोरोनावायरस से लड़ाई लड़ रही है । हर देश की सरकार अपने देश के लिए सर्वश्रेष्ठ योगदान देने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है । इसी तरह उत्तराखंड प्रदेश के सबसे बड़ा विकास खण्ड भिलंगना भी इस महामारी से अछूता नहीं है । फिर भी ब्लाक प्रमुख बसुमती घनाता लगातार जनता के बीच खड़ी है । राजनीति में बहुत ज्यादा अनुभव ना होने के वावजूद भी जिस तरह प्रमुख बसुमति घनाता जनता के बीच है ऐसा लगता ही नहीं की जनता को प्रमुख बसुमति जी से कोई शिकायत हो। क्योंकि प्रमुख बसुमती घनाता का ये पहला राजनीति कदम था जब प्रमुख बनी । सामाजिक कार्य के प्रति उनकी निष्ठा देखकर उनके क्षेत्र की जनता ने उन्हें निर्विरोध क्षेत्र पंचायत सदस्य चुना और देश की आजादी के बाद भिलंगना विकास खंड में बीजेपी की पहले प्रत्याशी निर्वाचित हुई । जितना प्रेम जनता ने इनको चुनाव में दिया आज उसी का परिणाम है कि बसुमति घनाता निरंतर जनता के बीच में है और लोगों तक हर संभव मदद करने में लगी है । इतने बड़े विकास खंड में हर आम इंसान की बातों को सुनना और उनकी समस्याओं का समाधान करना भी प्रमुख बसुमती घनाता का मुख्य उद्देश्य रहता है ।
बिना सरकारी मदद के भी प्रमुख साहिबा और उनके पति करन घनाता लोगों की मदद करने में लगे हैं । जिन गरीब और असहाय लोगों के पास खाने के लिए राशन नहीं है उनके घरों में जाकर उन्हें भूखा नहीं सोने दिया। मृदुल भाषा के उच्च कोटि के व्यवहार ने इनको इस सम्मान जनक पद पर पहुंचाया।
भिलंगना विकास खंड आज भी सरकार के विकासों से कोसों दूर है, की दिग्गज राजनेता आन्दोलनकारी और विद्वान इस विकास खंड में जन्मे हैं लेकिन शिक्षा स्वास्थ्य और सड़क आज भी जस के कल हैं। प्रमुख बसुमती घनाता का गांव भी वही है जो उत्तराखंड आंदोलन के नायक और उत्तराखंड के गांधी स्व० इंद्रमणि बडोनी का गांव था । इसलिए जनता को औरों से ज्यादा उम्मीद इनसे है। क्योंकि उन्होंने स्व० बडोनी और उनके संघर्षों को काफी करीब से देखा है, कि उत्तराखंड की मूलभूत जरूरतें क्या थी और 20 साल बनने के बाद जनता को कितना विकास मिला ।
अगर बसुमती घनाता को राजनीतिक सफर को आगे बढाना है तो सूदूर विकास खंड भिलंगना में विकास की रफ्तार भी बढ़ानी होगी।

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