नदियों में शव मिलने के मामले को सुप्रीम कोर्ट ने किया खारिज
यूपी, बिहार की नदियों में मिले शवों के मामले की विशेष जांच दल (SIT ) से जांच कराने की मांग वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने खारिज कर दिया है.सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट जाने को कहा है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मृतकों के अधिकारों की रक्षा के लिए नीति के निर्देशों की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को NHRC के सामने अपनी बात रखें. यूपी के गाजीपुर व उन्नाव और बिहार के बक्सर जिले में गंगा नदी में शव बहते मिले थे. याचिका में इन लोगों की मौत का कारण जानने के लिए राज्य सरकारों को निर्देश देने की मांग की गई थी.
” नदी में तैरते शव स्वास्थ्य और जीवन के मौलिक अधिकारों को करते हैं प्रभावित”
एक अन्य याचिकाकर्ता वकील राज किशोर चौधरी के माध्यम से विनीत जिंदल द्वारा दायर की गई थी, जिसमें अथॉरिटी को शवों को हटाने और सभी नदी तटों की पारिस्थितिकी को बहाल करने का निर्देश देने की भी मांग की गई है. याचिका में कहा गया था कि बिहार और उत्तर प्रदेश में गंगा नदी में तैरते हुए मिले शव स्वास्थ्य और जीवन के मौलिक अधिकारों को प्रभावित करते हैं.
अथॉरिटी को नदियों के किनारे रहने वाले लोगों को पेयजल दिया जाए
याचिका में गंगा नदी को एक पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र घोषित करने की मांग की गई है और इसे संरक्षित करने की मांग की गई है. इसके अलावा याचिका में अथॉरिटी को नदियों के किनारे रहने वाले लोगों को शुद्ध और सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराने के लिए निर्देश देने की भी मांग की थी.
याचिका में अथॉरिटी को उन जगहों पर घर-घर जाकर कोविड-19 परीक्षण करने या टीकाकरण के लिए चिकित्सा शिविर आयोजित करने का निर्देश देने की मांग की गई है, जहां नदी के किनारे शव पाए गए. यह भी गुहार लगाई गई है कि ऐसे व्यक्तियों या अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए जिन्होंने अंतिम संस्कार के नाम पर मोटी रकम वसूल की है.
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