तीन साल में ध्वस्त हो गई पुल की एप्रोच रोड
देहरादून: उत्तराखंड में लोक निर्माण विभाग (लोनिवि) के भ्रष्टाचार की पोल एक बार फिर उसी का बनाया पुल खोल रहा है। वैसै पोल खोल नहीं उधेड़ रहा है। कभी विभाग ऐसी सड़क बनाता है कि उसका डामर बिस्तर पर बिछे कंबल से भी आसानी से उधड़ जाता है तो कभी सड़क ही साफ हो जाती है। जिस पुल का निर्माण वर्ष 2018 में किया गया था, उसकी एप्रोच रोड तीन साल से भी कम समय में ध्वस्त हो गई। गनीमत रही कि जिस समय यह घटना हुई, उस समय कोई वाहन पुल से नहीं गुजर रहा था। एप्रोच रोड ध्वस्त होने की सूचना पर राजमार्ग खंड के अधीक्षण अभियंता रणजीत सिंह, अधिशासी अभियंता जेएस रावत मौके पर पहुंचे और कारणों की पड़ताल की जाने लगी।
यह पुल थानो रोड पर बडासी के पास बना है। पुल की रायपुर की तरफ वाली एप्रोच रोड पर बुधवार दोपहर को धंसाव देखने को मिला था। इसके चलते एप्रोच की दीवार भी बाहर की तरफ निकल आई थी। यह धंसाव धीरे-धीरे कर बढ़ने लगा और देर शाम को एप्रोच रोड का एक हिस्सा पूरी तरह ध्वस्त हो गया। अधिशासी अभियंता का कहना है कि पुल का निर्माण उनके कार्यकाल से पहले किया गया है, लिहाजा, गुणवत्ता को लेकर वह कुछ टिप्पणी नहीं कर सकते। सही बात है अपने विभाग की पोल खुद कैसे खोलें।
इन्वेस्टर्स समिट के लिए आपाधापी में बनाया पुल
जानकारी के मुताबिक थानो रोड पर बडासी के पास यह पुल अक्टूबर 2018 में इन्वेस्टर्स समिट शुरू होने से कुछ समय पहले बनाया गया था। उस समिट से इन्वेस्ट कितना आया ये तो सरकार जाने लेकिन जो काम सरकार ने कराए उनको जनता देख रही है। बता दें कि यह पुल जीरो टॉलरेंस का जाप करते रहने वाले त्रिवेन्द्र सिंह रावत के शासन काल में बना था और विभागीय मंत्री भी खुद वही थे।
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