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कांवड़ यात्रा पर रोक के बाद तीर्थ यात्रियों के प्रवेश पर पूरी तरह से पाबंदी

कांवड़ यात्रा पर रोक के बाद तीर्थ यात्रियों के प्रवेश पर पूरी तरह से पाबंदी

कोरोना की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए उत्तराखंड सरकार (Uttarakhand Govt) अभी से अलर्ट मोड पर है. यही वजह है कि कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra) को रद्द करने के बाद बॉर्डर पर भी सतर्कता बढ़ा दी गई है. दरअसल सरकार नहीं चाहती कि पाबंदी लगाने के बाद कोई भी भक्त 25 जुलाई से शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा के लिए हरिद्वार पहुंचे. यही सुनिश्चित करने के लिए अब अन्य राज्यों से लगते उत्तराखंड के सभी बॉर्डर्स पर सुरक्षा (Security On Borders) बढ़ा दी गई है.

हरिद्वार के एसएसपी (Haridwar SSP) ने कांवड़ियों को जिले में प्रवेश नहीं करने देने का आदेश जारी किया है. उन्होंने कहा कि बाहर ने आने वालों को 14 दिनों तक क्वारंटीन किए जाने का प्रावधान है. उन्होंने कहा कि अगर कोई भी व्यक्ति जिले में प्रवेश करने की कोशिश करेगा तो उसका वाहन जब्त कर लिया जाएगा, वहीं नियम तोड़ने वाले के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी.

उत्तराखंड में नहीं होगी कांवड़ तीर्थयात्रा

सरकार के इस फैसले पर अधिकारियों का कहना है कि कांवड़ियों को शहर में प्रवेश (Kanwariya Entry Ban) करने से रोकने के लिए करीब एक दर्जन चेक पोस्ट पर पुलिस और इंटेलिजेंस टीमों को तैनात किया जाएगा. पड़ोसी राज्य यूपी से हरिद्वार पहुंचने वाले दूसरे रास्तों पर भी अतिरिक्त बलों की तैनाती के साथ ही बैरिकेडिंग भी की जाएगी. दरअसल यूपी में कांवड़ यात्रा (UP Kanwar yatra) को मंजूरी दे दी गई है. यूपी से शिवभक्त गंगा जल लेने के लिए पहुंच सकते हैं.

हरिद्वार के सीनियर पुलिस अधिकारी डी सेंथिल अबूदई कृष्ण ने कहा कि उत्तराखंड सरकार की तरफ से ये सख्त कदम पड़ोसी राज्यों को यह संदेश देने के लिए उठाए जा रहे हैं. सभी सुरक्षा उपायों के जरिए उन्हें ये बताने की कोशिश की जा रही है कि इस साल उत्तराखंड में कांवड़ तीर्थयात्रा नहीं होगी.

बॉर्डर पर सुरक्षा होगी चाक-चौबंद

बतादें कि कोरोना संक्रमण को लेकर उत्तराखंड सरकार काफी सतर्क है. सीएम पुष्कर सिंह धामी नहीं चाहते कि राज्य में एक बार फिर कुंभ जैसी स्थिति बने. यही वजह है कि कांवड़ यात्रा को राज्य में मंजूरी नहीं दी गई है. साथ ही सुरक्षा-व्यवस्था भी चाक-चौबंद की जा रही है. जिससे किसी भी तरह की लापरवाही न बरती जा सके.

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