देहरादून। उत्तराखंड सरकार से बातचीत के बाद ऊर्जा संगठनों ने हड़ताल वापस ले ली है। ऊर्जा निगम के संयुक्त संघर्ष मोर्चा के पदाधिकारियों ने हड़ताल वापस लेने का ऐलान किया है। ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत की अध्यक्षता में संयुक्त संघर्ष मोर्चा के पदाधिकारियों के साथ बैठक हुई। वहीं, उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड, उत्तराखंड पावर कॉर्पाेरेशन लिमिटेड और पावर ट्रांसमिशन कॉर्पाेरेशन ऑफ उत्तराखंड लिमिटेड में हड़ताल रोकने के लिए अगले 6 महीने के लिए आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून (एस्मा) लागू किया गया है। वहीं, बैठक में ऊर्जा मंत्री ने निर्णय लिया कि उनके स्तर की समस्याओं का समाधान 15 दिनों के अंदर कर दिया जाएगा। लेकिन मंत्रिमंडल स्तर की समस्याओं के निराकरण के लिए कर्मचारियों को एक महीने का समय दिया गया है। बैठक के दौरान मोर्चा के सम्मुख ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत ने इस बात को रखा कि हाल ही में उन्हें विभाग की जिम्मेदारी मिली है, ऊर्जा निगम को एमडी और सचिव भी हाल ही में मिले हैं। लिहाजा विभाग को समझने का थोड़ा समय मिलना चाहिए, जिसके बाद संगठनों ने हड़ताल को वापस ले लिया है। उत्तराखंड के इतिहास में ये पहली बार है, जब ऊर्जा मंत्री खुद ऊर्जा निगम के कर्मचारियों के साथ उनकी समस्याओं को लेकर बैठक की है। इससे पहले सोमवार (26 जुलाई) को कर्मचारियों की ऊर्जा सचिव सौजन्या और मुख्य सचिव सुखवीर सिंह संधू से भी वार्ता हुई थी, लेकिन ये वार्ता विफल रही, जिसके बाद रात 12 बजे से ऊर्जा कर्मी हड़ताल पर चले गए थे।
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