मुफ्त बिजली मामले में राजनैतिक दलों से शपथ पत्र ले जनता- नेगी
प्रतिवर्ष विभाग द्वारा बढ़ा दिया जाता है विद्युत दर एवं फिक्स्ड चार्ज |
प्रति 100 यूनिट के हिसाब से निर्धारित होता है विद्युत दर एवं फिक्स चार्ज |
विद्युत महंगी होने का मुख्य कारण वितरण हानि एवं एटी एंड सी हानियां हैं |
विभागीय हिडन एजेंडे से बेखबर है उपभोक्ता !
चुनाव समाप्त होते ही फिर बढ़ा दिया जाएगा विद्युत दर एवं फिक्स्ड चार्जेस !
बेहतर हो कि जनता फिक्स्ड चार्जेस समाप्त करने एवं यूनिट स्लैब बढ़ाने की करे मांग |
विकासनगर– जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन
नेगी ने कहा कि प्रदेश की जनता को सबसे पहले यह समझना होगा कि विभाग द्वारा प्रतिमाह प्रति 100 यूनिट पर विद्युत दर एवं फिक्स्ड चार्जेस निर्धारित किए हुए हैं, जिसके तहत वर्तमान में विभाग द्वारा प्रतिमाह 100 यूनिट तक विद्युत मूल्य 2.80 रु, 200 यूनिट तक 4.00 रु, 400 यूनिट तक 5.50 रु तथा 400 यूनिट से अधिक पर 6.25 रु निर्धारित किया हुआ है तथा इसी प्रकार फिक्स्ड चार्जेस प्रतिमाह 100 यूनिट तक 60रु, 200 यूनिट तक 120 रु, 400 यूनिट तक रु 200 तथा 401 यूनिट से अधिक पर ₹300 निर्धारित किया हुआ है |
अगर गत वर्ष 2020- 21 की बात की जाए तो विद्युत दर रु 2.80- 3.75-5.15 -5.90 निर्धारित थी तथा फिक्स चार्जेस रुपए 60-95-165- 260 निर्धारित था |
नेगी ने कहा कि वहीं दूसरी ओर वितरण हानियां वर्ष 2018-19 में 14.32 फ़ीसदी तथा 2919-20 में 13.40 फ़ीसदी थी एवं इसी प्रकार ए टी एंड सी हानियां वर्ष 2018-19 में 16.52 तथा 2019-20 में 20.44 फ़ीसदी थी |
अगर बात विद्युत खरीद की करें तो विभाग ने वर्ष 2018-19 में 14083.69 एमयू तथा 2019-20 में 14139.31 एमयू खरीद की | नेगी ने कहा कि विद्युत स्लैब, फिक्स्ड चार्जेस व विद्युत हानियां मिलकर बिजली की दरों में बढ़ोतरी कर रही हैं, जिस पर होमवर्क किए जाने की आवश्यक है |
आज जरूरत फिक्स्ड चार्जेस समाप्त करने तथा विद्युत स्लैब 100 की जगह 200 यूनिट करने की है | मोर्चा ने जनता को आगाह किया कि इन राजनीतिक दलों के केंद्रीय आकाओं से शपथ पत्र लें कि सत्ता पाते ही 100-200 यूनिट बिजली मुफ्त देने के एवज में फिक्स्ड चार्जेस/विद्युत कीमतें बढ़ाकर व अन्य टैक्स लगाकर जनता को ठगने का काम नहीं करेंगे |
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