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कांवड़ लेने आने वालों को वापस भेजें, न माने तो केस दर्ज करें:डीजीपी

कांवड़ लेने आने वालों को वापस भेजें, न माने तो केस दर्ज करें:डीजीपी

देहरादून: उत्तराखंड में कांवड़ मेला प्रतिबंधित कर दिया गया है। इसको लेकर पुलिस ने कमर कस ली है। आगामी 24 जुलाई से हरिद्वार के बॉर्डर कांवड़ियों के लिए सील कर दिए जाएंगे। बृहस्पतिवार को डीजीपी ने पुलिस अधिकारियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में जरूरी दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रतिबंधित अवधि में यदि कोई कांवड़िया सड़क पर दिखाई देता है तो उसे विनम्रता से वापस जाने के लिए कहा जाए। बावजूद इसके न माने तो उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए।
पुलिस मुख्यालय में हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में इंटेलीजेंस के अधिकारी, डीआईजी रेंज, हरिद्वार और देहरादून के पुलिस अधिकारी शामिल रहे। डीजीपी ने कहा कि कांवड़ मेलेे को प्रतिबंधित किया गया है, जिसके अनुपालन के लिए एक एसओपी संबंधित जिलाधिकारी के साथ मिलकर बना ली जाए। यदि कोई कावंड़िया सड़क पर दिखाई देता है तो उसे सम्मान पूर्वक सड़क से उतारा जाए और बस व अन्य माध्यमों से वापस भेजा जाए।
डीजीपी ने देहरादून, हरिद्वार, टिहरी और पौड़ी गढ़वाल जिलों में इंफोर्समेंट टीमों का गठन करने के निर्देश दिए। ट्रेनों से आने वाले कांवड़ियों को रोकने के लिए ट्रेनों को हरिद्वार से पहले पड़ने वाले स्टेशनों पर रोका जाएगा। यदि वहां कोई दिखाई देता है तो उन्हें शटल ट्रेनों से वापस भेजा जाएगा। इस मामले में लगातार कांवड़ संघ व समितियों के साथ चर्चा की जाए।
टैंकरों से जल ले जाने पर होगा विचार
हरिद्वार में बॉर्डर थानों के साथ कांवड़ मेले के प्रतिबंध के संबंध में पुलिस महानिरीक्षक कानून व्यवस्था की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया जाएगा। इसमें अन्य राज्यों के बॉर्डर से लगे जनपदों के रेंज अधिकारियों को बुलाया जाएगा। बैठक में संयुक्त रूप से टैंकरों के माध्यम से गंगाजल भेजे जाने पर विचार किया जाएगा। इससे पहले ही कांवड़ संघ और समितियों से वार्ता कर उन्हें प्रतिबंध के बारे में बताया जाएगा।
कांवड़ मेला प्रतिबंधित किया गया है। ऐसे में पुलिस की जिम्मेदारी है कि किसी प्रकार की अव्यवस्था न हो। कांवड़ियों को पहले विनम्रता से समझाया जाएगा। इसके बाद जरूरत पड़ने पर ही उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। गत छह जुलाई को एक समन्वय बैठक हुई थी। एक और बैठक आगामी दिनों में बॉर्डर वाले जिलों के अधिकारियों के साथ की जाएगी।
– अशोक कुमार, डीजीपी, उत्तराखंड

 

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