हरिद्वार। कोरोना की संभावित तीसरी लहर के खतरे का असर मंदिरों में होने वाली पूजा-अर्चना पर भी पड़ता नजर आ रहा है। धर्मनगरी हरिद्वार में सावन के महीने में शिवालय शिव भक्तों से गुलजार रहते थे। लेकिन इन दिनों हरिद्वार के बड़े और प्रसिद्ध शिव मंदिरों से भक्त नदारद हैं।
धर्मनगरी हरिद्वार हिंदुओं की आस्था का केंद्र है। यहां गंगा की धारा के साथ ही कई प्रसिद्ध मंदिर स्थित हैं। सावन के दिनों में कनखल स्थित दक्षेश्वर महादेव मंदिर और बिल्केश्वर महादेव मंदिर समेत कई शिवालयों में हर रोज भक्तों की लंबी कतारें लगा करती थीं। लेकिन कोरोना की तीसरी लहर के खतरे के चलते मंदिरों में बेहद कम संख्या में भक्त पहुंच रहे हैं। मंदिरों के जिन स्थानों पर भक्त लाइन लगाकर अपनी बारी आने का इंतजार करते थे, उन जगहों पर भी इक्के-दुक्के भक्त दिख रहे हैं। श्रद्धालुओं का यह भी कहना है कि भले ही कोरोना का साया मंडरा रहा है लेकिन धर्म और आस्था की गतिविधियां भी अनवरत चलती रहनी चाहिए। सभी की जिम्मेदारी है कि सावधानी बरतते हुए मंदिरों में पूजा अर्चना करनी चाहिए। बता दें कि, कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के चलते इस बार हरिद्वार में कांवड़ मेला भी रद्द किया गया है। कांवड़ मेला रद्द होने के चलते भी शिव मंदिरों में सन्नाटा पसरा है।
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