देहादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने मंगलवार को हुई एक बैठक के बाद इस साल भी कांवड़ यात्रा को रद्द करने का फैसला लिया है। वहीं उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कोरोना की तीसरी वेब से संभावित खतरे के बावजूद कांवड यात्रा को जारी रखने का फैसला लिया है। यूपी सरकार कोविड प्रोटोकाल के साथ ही कांवडियों की सुरक्षा का भी पूरा इंतजाम करेगी। यूपी सरकार के इस फैसले के बाद से उत्तराखंड पुलिस की चिंताएं बढ़ गई है। ऐसे में उत्तराखंड पुलिस का कहना है कि राज्य के बॉर्डर्स में किसी भी कांवड़िए को जबरदस्ती नहीं घुसने दिया जाएगा। इसके लिए भारी सुरक्षा फोर्स को डिप्लॉय किया जाएगा। साथ ही अगर किसी राज्य को गंगाजल चाहिए तो उसको टैंकरों में भेजा जाएगा।
आपको बता दें कि सावन के महीने में 25 जुलाई से शुरू होने जा रही कांवड यात्रा को लेकर संगम नगरी प्रयागराज में तैयारियां तेज कर दी गई हैं। आईजी प्रयागराज रेंज के.पी.सिंह ने रेंज के चारों जिलों के कप्तानों के साथ बैठक में जहां कांवड यात्रा को लेकर आवश्यक तैयारी पूरी करने के निर्देश दिए हैं। वहीं उन्होंने थानाध्यक्षों को भी कांवड यात्रा सकुशल सम्पन्न कराने के लिए तैयारी पूरी करने का निर्देश दिया है। आईजी रेंज के मुताबिक, प्रयागराज में कांवड यात्रा पूर्व की वर्षों की ही तरह निर्धारित रूटों से ही निकाली जाएगी। उनके मुताबिक, इस वर्ष भी प्रयागराज से वाराणसी के बीच अंदावा से हंडिया हाईवे पर वन वे की व्यवस्था लागू रहेगी. इस दौरान सिर्फ एक लेन पर कांवड़िए संगम से कांवड लेकर वाराणसी बाबा विश्वनाथ के दरबार के लिए आएंगे और जाएंगे। इसके साथ ही शहर के अन्य शिवालयों और गंगा घाटों पर भी दूसरे विभागों से समन्वय बनाकर साफ सफाई कराने का निर्देश दिया गया है। कांवड़ रूटों पर पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था के भी निर्देश जारी कर दिए गए हैं। प्रयागराज में कांवड़िए दशाश्वमेघ घाट पर पारम्परिक रूट से गंगा स्नान करते हैं और कांवड में जल भी भरते हैं। इसलिए दशाश्वमेघ घाट पर भी विशेष तौर पर इंतजमात करने के निर्देश दिए गए हैं। खास तौर पर दशाश्वमेध घाट पर साफ सफाई और चकर्ड प्लेंटे बिछाने का निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही कांवडियों द्वारा तेज आवाज में डीजे बजाने को लेकर कानून-व्यवस्था की स्थिति न बिगड़े, इसके लिए भी डीएम संजय खत्री ने संबन्धित मजिस्ट्रेटों और थानाध्यक्षों को सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के आदेशों का अनुपालन कराने का आदेश दिया है।
फिलहाल आईजी रेंज के.पी.सिंह कांवड यात्रा शुरु होने के पहले ही सभी तैयारियां मुकम्मल करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने संवेदनशील स्थलों को भी चिन्हित कर पहले से ही मौके पर पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती के निर्देश भी दिए हैं। आईजी के मुताबिक शासन के दिशा निर्देशों का पालन कराते हुए ही इस साल कांवड यात्रा सकुशल सम्पन्न करायी जाएगी।
केन्द्रीय पर्यटन मंत्री जी किश्न रेड्डी ने कांवड यात्रा के कैंसल करने के सवाल पर कहा कि बिलकुल कोरोना को हराना चाहिए सबसे पहले इसलिए अमरनाथ यात्रा हो या ये भी हो हम इसको कैंसल करना पड़ा। देश की जनता को समझना चाहिए आज कोरोना सीरियसनेस को समझना चाहिए और भारत सरकार ने जिम्मेदारी के साथ निर्णय लिया है। किश्न रेड्डी से पूछा गया कि मंत्री के रूप मे कांवड यात्रियों और पर्यटन स्थल पर जाने वाले देशवासियों के लिए क्या अपनी करना चाहेंगे, तो उन्होंने कहा कि ये दुनिया का बहुत बड़ी समस्या कोरोना है। इसको हराना चाहिए, उसके बाद टूरिज्म हो, टूरिज्म बड़ा चैलेंज है। आज नहीं तो कल देख सकते हैं. भारत सरकार नम्रता से अपील करते है। पूरे नार्म्स के साथ घर से बाहर आना चाहिए। कोरोना प्रोटोकाल इम्पलीमेंट नहीं किए तो कोरोना को हराना चैलेंज होगा. जरूरत है तो जाइये नहीं तो कोरोना को देखते हुए नहीं जाना चाहिए।पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट से जब पूछा गया कि उत्तराखंड सरकार ने कांवड यात्रा को रद्द करने का फैसला लिया है। इस पर क्या कहना चाहेंगे? तो उन्होंने कहा कि बिलकुल ठीक फैसला लिया है। हमारे लिए लोगों की जिंदगी बचाना पहली प्राथमिकता है। पीएम नरेंद्र मोदी ने बार-बार अनुरोध कर रहे है। भीड़भाड़ से बचे. कोविड के मापदंड अपनाए, हमने भी सबसे प्रार्थना की है और हमारी सरकार ने आज कह दिया है कि वर्तमान परिस्थितियों में किसी भी तरह से हम लोग कांवड यात्रा नहीं चला सकते हैं, क्योंकि जो हमको वहां पर गदरपुर में वैरियंट मिला है। अलग से उसको देखते हुए और भी खतरा बढ़ सकता है। हम लोगों की जिंदगियों को खतरे में नहीं डाल सकते है. इसलिए हमारी सरकार ने जो कदम उठाया है। धामी जी की सरकार ने जो फैसला लिया वो ठीक है और सही समय पर उठाया है।
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