देश के 5.82 करोड़ लोगों को नहीं मिल सकेगा सरकारी योजनाओं का फायदा
मोदी सरकार की ओर से आम जनता को सहूलियत पहुंचाने के लिए कई शानदार पहल किए गए. इन्हीं में से एक था जनधन खाता खुलवाना. प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत देश में हर गरीब इंसान को बैंकिंग सिस्टम से जोड़ने के लिए सरकार ने इस योजना को जोर शोर से लांच किया और लगातार इसके फायदे गिनाते रहे. लेकिन सरकार के तमाम प्रयासों के बाद भी देश में करीब 5.82 करोड़ जनधन खाते इनएक्टिव मोड में है. मतलब इन खातों में कोई भी लेन-देन नहीं होता.
दरअसल वित्तमंत्रालय की ओर से यह जवाब राज्यसभा में एक प्रश्न के दौरान दिया गया. वित्तमंत्रालय की ओर से बताया गया कि 28 जुलाई 2021 तक देश के करीब 5.82 करोड़ जनधन खाते इनएक्टिव हो चुके हैं. जिनमें महिलाओं की खातों की संख्या करीब 2.02 करोड़ की है.
क्या कहते हैं आंकड़ें
सरकार के इन आंकड़ों के हिसाब से देखा जाए तो देश के हर 10 जनधन खाते में से एक खाता निष्क्रिय हो चुका है. वहीं महिलाओं के इनएक्टवि खातों की बात की जाए तो यह कुल इनएक्टिव खातों का 35 फीसदी है. सरकार ने जिस तरह से इस योजना पर काम किया है और जिस तरह इसे जोर शोर से लांच किया गया था. ऐसे में आंकड़ें निराश करने वाले हैं. देश में अबतक करीब 42.83 करोड़ कुल जनधन खाते खोले जा चुके हैं. इन खातों में करीब 1.43 लाख करोड़ रुपए जमा रकम मौजूद है. लेकिन साथ ही इनएक्टिव खातों की बढ़ती संख्या भी सरकार के लिए चिंता का विषय है.
नहीं मिल सकेंगे ये फायदे
दरअसल भारतीय रिजर्व बैंक के नियम के मुताबिक ऐसे खाते जिनमें करीब 2 साल तक कोई भी ट्रांजैक्शन नहीं होता इसे निष्क्रिय मान लिया जाता है. इसका मतलब यह हुआ है कि जनधन खातों में 5.82 खाते ऐसे हैं जिनमें दो साल से कोई भी लेन-देन नहीं हुआ है. अगर आपका भी जनधन खाता इनएक्टिव हो चुका है तो आपको चिंता करने की जरुरत है. क्योंकि सरकार की ओर से मिलने वाली सब्सिडी या अन्य योजना के तहत आने वाले पैसे इसी खाते में आते है. ऐसे में अगर आपका जनधन खाता निष्क्रिय हो चुका है तो आप तमाम सरकारी लाभ पाने से वंचित हो सकते हैं.
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