पेट्रोल-डीजल रेट को लेकर RBI और सरकार के बीच मतभेद!
पेट्रोल और डीजल का रेट आसमान छू रहा है. ज्यादातर शहरों में यह 100 के पार पहुंच चुका है. महंगे पेट्रोल-डीजल के कारण महंगाई दर लगातार बढ़ती जा रही है. यही वजह है कि अगस्त की मॉनिटरी पॉलिसी में RBI ने महंगाई दर लक्ष्य को बढ़ाया है. सरकार की तरफ से अभी तक कीमत में कटौती करने को लेकर किसी तरह का ठोस कदम नहीं उठाया गया है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में कहा कि सरकार फ्यूल प्राइस को लगातार मॉनिटर कर रही है. महंगाई दर को नियंत्रण में लाने के लिए कई तरह के कदम उठाए गए हैं. अपने जवाब में सीतारमण ने कहा कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी ने जून में इंटरनेशनल मार्केट में कमोडिटी के भाव में तेजी की तरफ ध्यान आकर्षित किया था. RBI ने खासतौर पर कच्चे तेल के भाव में तेजी को गंभीरता से लेने की चेतावनी दी थी.
जून में ही RBI ने किया था आगाह
अपने जवाब में वित्त मंत्री ने रिजर्व बैंक के बयान को कोट करते हुए कहा कि फ्यूल पर एक्साइज ड्यूटी, सेस, केंद्र और राज्य की तरफ से वसूले जाने वाले अन्य तरह के टैक्स को धीरे-धीरे समन्वित तरीके से समायोजित करने की आवश्यकता है. इस तरह कीमत को कंट्रोल किया जा सकता है. फ्यूल महंगा होने से इनपुट कॉस्ट काफी बढ़ जाता है, क्योंकि ट्रांसपोर्टेशन से लेकर तमाम जगहों पर इसका इस्तेमाल होता है.
महंगाई पर नियंत्रण के लिए सरकार ने उठाए हैं ये प्रमुख कदम
निर्मला सीतारमण ने सदन को जानकारी देते हुए कहा कि सरकार ने इंफ्लेशन पर कंट्रोल के लिए कई अहम कदम उठाए हैं. सप्लाई चेन को दुरुस्त किया गया है. खाने के तेल पर आयात शुल्क घटाया गया है. सेस माफ किया गया है. दाल और तेल के आयात को लेकर नियम आसान किए गए हैं. इसके अलावा स्टॉक को लेकर भी नियम में बदलाव किया गया है. इन उपायों की मदद से कीमत पर कंट्रोल की लगातार कोशिश जारी है.
RBI ने महंगाई दर का अनुमान बढ़ाया
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अपने बयान में कहा था कि कोरोना की दूसरी लहर के कारण तात्कालिक तौर पर महंगाई दर में उछाल आएगा. ऐसे में महंगाई पर कंट्रोल करने के लिए नीतिगत हस्तक्षेप की जरूरत है. अगस्त में मॉनिटरी पॉलिसी की घोषणा करते हुए रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए महंगाई दर के अनुमान को 5.1 फीसदी से बढ़ाकर 5.7 फीसदी कर दिया है.
पेट्रोल-डीजल पर सेस से कमाई में 88 फीसदी का उछाल
सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले एक्साइज ड्यूटी से हजारों करोड़ की कमाई की है. वित्त वर्ष 2020-21 में सरकार की कमाई में पेट्रोल-डीजल पर लगने वाला टैक्स का बहुत बड़ा हिस्सा है. वित्त वर्ष 2020-21 में पेट्रोल-डीजल पर केंद्र सरकार की तरफ से वसूले जाने वाले टैक्स में 88 फीसदी का उछाल आया और यह राशि 3.35 लाख करोड़ रही. पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी यानी उत्पाद शुल्क 19.98 रुपए से बढ़कर 32.90 रुपए पर पहुंच गया. वहीं डीजल पर उत्पाद शुल्क 15.83 से बढ़कर 31.80 रुपए पर पहुंच गया. यह जानकारी पेट्रोलियम स्टेट मिनिस्टर रामेश्वर तेली ने लिखित में लोकसभा में दी थी.
चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में अब तक 1 लाख करोड़ वसूले गए
नव नियुक्त वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने सदन में कहा था कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही यानी अप्रैल-जून के बीच सभी पेट्रोलियम प्रोडक्ट जिसमें पेट्रोल- डीजल के अलावा, ATF, नैचुरल गैस और क्रूड ऑयल आता है, उस पर अभी तक 1.01 लाख करोड़ रुपए एक्साइज ड्यूटी के रूप में वसूली जा चुकी है. वित्त वर्ष 2020-21 में टोटल एक्साइज ड्यूटी कलेक्शन 3.89 लाख करोड़ रुपए रहा था.
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