देहरादून। ऋषिकेश-देहरादून हाईवे पर 27 अगस्त को रानीपोखरी पुल टूटकर ध्वस्त हो गया था। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत रविवार को रानीपोखरी के धरासायी पुल को देखने के लिए पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कहा कि इतना अधिक पानी भी जाखन नदी में नहीं आया है, जिससे पुल गिर जाए। इसकी प्रमुख वजह पुल के दोनों ओर हो रहा खनन है। उन्होंने कहा कि पुल के नीचे भी काफी मात्रा में खनन हुआ है. ऐसे में इस पूरे प्रकरण की जांच किसी बाहरी एजेंसी से करवानी चाहिए।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि जांच टीम से काम नहीं चलेगा। किसी बाहर की एक्सपर्ट टीम से इसकी जांच करानी चाहिए और जानकारी में आया है कि एक और सोडा सरोली का पुल भी खतरे की जद में है। हरीश रावत ने कहा कि ये बेहद गंभीर मामला है और उत्तराखंड की जनता के लिए भी चिंता का विषय है। बता दें कि, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी रानीपोखरी के टूटे पुल का हवाई सर्वेक्षण किया। उत्तराखंड के ऋषिकेश-देहरादून हाईवे पर 27 अगस्त को रानीपोखरी पुल टूटकर ध्वस्त हो गया था। इसके चलते इस मार्ग पर आने जाने वाले लोगों को अब काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पुल का एक हिस्सा गिर जाने के बाद अब प्रशासन ने पुल पर आवाजाही को पूरी तरह से बंद कर दिया है। साथ ही जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर बैरिकेडिंग लगाकर आवाजाही रोक दी गई है।
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