इटली नौसैनिक केस: नाव मालिक को मिलने वाले मुआवजे पर SC ने लगाई रोक
इटली के नौसैनिकों के मामले (Italian Marines Case) में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने नाव के मालिक को दिए जाने वाले मुआवजे पर रोक लगा दी है. जानकारी के मुताबिक चालक दल के दो सदस्यों ने शीर्ष अदालत को बताया है कि उन्हें मुआवजा देने पर विचार नहीं किया गया. सुप्रीम कोर्ट ने नाव मालिक सेंट एंटनी को नोटिस भी जारी किया है.
दरअसल यह घटना 15 फरवरी 2012 की है. लक्षद्वीप द्वीप के पास मछली पकड़ने के बाद वापस लौट रहे दो भारतीय मछुआरों को एनरिका लेक्सी पर सवार दो इटली के नौसैनिकों ने मार गिराया था. यह घटना केरल के तट से करीब 20 समुद्री मील दूर हुई थी. घटना के फौरन बाद, भारतीय तटरक्षक बल ने एनरिका लेक्सी को रोक लिया और इटली के दोनों नौसैनिकों (सल्वाटोर गिरोन और मासिमिलियानो लातोरे) को हिरासत में ले लिया था.
अंतरराष्ट्रीय कोर्ट ने इस मामले में इटली के मरीनों पर उनके देश में मुकदमा चलाने का निर्णय लिया था, क्योंकि यह घटना अंतरराष्ट्रीय समुद्री क्षेत्र में हुई थी. जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस एमआर शाह की अवकाशकालीन पीठ ने दोनों इटली के नौसैनिकों के खिलाफ मामले से जुड़ी प्राथमिकी और कार्यवाही को रद्द कर दिया था. पीठ ने कहा था कि भारत द्वारा स्वीकार किए गए अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थ फैसले के अनुसार, इटली मामले में आगे की जांच फिर से शुरू करेगा.
सरकार ने की थी मुकदमे को बंद करने की अपील
इससे पहले, केंद्र सरकार (Central Government) ने केरल के दो मछुआरों के परिवारों को मुआवजे के रूप में इटली सरकार (Italian Government) की तरफ से भुगतान किए गए 10 करोड़ रुपये सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में जमा कर दिए थे. इन मछुआरों को फरवरी 2012 में केरल के समुद्र तट के पास इटली के दो नौसैनिकों (Italian Marines) ने मार दिया था.
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से दोनों इटली सैनिकों के खिलाफ चल रहे मुकदमे को बंद करने की अपील की थी, लेकिन पीड़ित पक्ष के वकील ने कहा था कि जब तक मुआवजे की पूरी राशि नहीं मिल जाती तब तक कोर्ट को इस मामले को बंद नहीं करना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए इटालियन मरीन को देश में बंद करने और मुआवजा राशि देने का आदेश जारी कर दिया था.
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