देहरादून। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने विधानसभा भवन के बाहर 2 घंटे का सांकेतिक उपवास रखा। विधानसभा भवन से पहले रिस्पना तिराहे पर भारी पुलिस बल ने बैरिकेडिंग लगाकर किशोर उपाध्याय, सर्वदलीय नेताओं और कार्यकर्ताओं को रोक दिया. वहीं, उपाध्याय के समर्थन में पूर्व सीएम हरीश रावत पहुंचे और हक-हकूकों की मांग की।
किशोर उपाध्याय ने कहा कि उत्तराखंड वासियों के वनाधिकार छीने जा रहे हैं। साथ ही उन्होंने उत्तराखंड के सभी लोगों को ओबीसी आरक्षण की परिधि में लाने की मांग की। किशोर ने कहा कि प्रदेशवासियों को उनके हक-हकूकों को लेकर उन्हें सांकेतिक उपवास रखना पड़ा। ताकि विधानसभा में उनकी बात को सभी विधायक उठा सकें। उन्होंने कहा कि बिजली और पानी के कारखाने के मालिक होने के बावजूद प्रदेश की जनता आज बड़े बिलों का भुगतान कर रही है। ऐसे में प्रदेश वासियों को बिजली, पानी और गैस सिलेंडर मुफ्त मिलना चाहिए। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि वह किशोर उपाध्याय को अपना समर्थन देने आए हैं। इनके दो मुद्दे बिजली और गैस सिलेंडर मेरे भविष्य के एजेंडे में सम्मिलित हैं। उन्होंने कहा कि 2016 में कांग्रेस कार्यकाल के दौरान हमने वनाधिकार समितियां बनाने के लिये गांव-गांव जाकर कोशिश की, जिसका कैबिनेट नोट बना था।
हरदा ने कहा कि यह कैबिनेट डिसीजन आज भी राज्य सरकार के पास है, लेकिन सरकार ने उस प्रोसेस को रोक दिया है। क्योंकि ये वनों में हमारे अधिकार को स्वीकार नहीं करते थे। ऐसे में आज सारे उत्तराखंड को इस संघर्ष के लिए आवाज उठानी चाहिए। प्रदर्शन के दौरान वनाधिकार आंदोलन से जुड़े कार्यकर्ताओं और सर्वदलीय नेताओं ने मांग पत्र बैरिकेडिंग पर चस्पा कर दिया। किशोर उपाध्याय ने आरोप लगाया कि सरकार उनकी मांगों को अनसुना कर रही है।
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