उत्तराखंड में 16 अगस्त से खुलेंगे 6वीं से 8वीं तक के स्कूल
कोरोना वायरस (Corona Virus) की तीसरी लहर (Third Wave) की आशंका के बीच उत्तराखंड (Uttarakhand) में 16 अगस्त से खुलने जा रहे 4100 जूनियर हाईस्कूलों में सेनेटाइजर, मास्क आदि सरकार मुहैया कराएगी. प्रदेश में क्लास 6 वीं से क्लास 8वीं लेवल के 5234 स्कूलों में से 4156 के लिए प्रदेश सरकार ने विशेष कोविड बजट जारी किया है. जिसमें पहले से प्रदेश में क्लास 9 से क्लास 12 तक के छात्र स्कूल जाने लगे हैं. एसपीडी बंशीधर तिवारी ने इसके आदेश जारी किए है. राज्य में 16 से 25 छात्र संख्या के स्कूल 961 हैं, जबकि 26 से 50 छात्र संख्या वाले 1549 स्कूल, 51 से 100 छात्र संख्या वाले 1076 स्कूल, 100 से 200 तक छात्र संख्या वाले 429 स्कूल और 201 से ज्यादा छात्र वाले 141 स्कूल हैं.
दरअसल, दूसरे चरण में जूनियर स्कूलों को खोलने की तैयारी है. जिसमें 16 अगस्त से जूनियर हाईस्कूल में क्लासों का संचालन शुरू हो जाएगा. वहीं क्लास 6 वीं से लेकर क्लास 8वीं में पढ़ने वाले बच्चों को स्कूल में एंट्री दी जाएगी. बच्चों की सुरक्षा सरकार के लिए पहली प्राथमिकता है, इसलिए स्कूलों में सुरक्षा से जुड़े सभी इंतजाम मजबूत किए जा रहे हैं. प्रदेश भर के 4100 जूनियर हाईस्कूलों में सरकार की ओर से सैनेटाइजर, मास्क आदि मुहैया कराए जाएंगे. इन स्कूलों की भोजन माताओं के लिए एप्रेन, हेड कवर और दस्ताने भी दिए जाएंगे. एसपीडी बंशीधर तिवारी ने बताया कि स्कूलों को छात्र संख्या के अनुसार 400 से एक हजार रुपए की विशेष ग्रांट दी गई है.
सभी को मास्क पहनना अनिवार्य
गौरतलब हैं कि प्रदेश में 16 से 25 छात्र संख्या के 961 स्कूल हैं. जबकि 1549 स्कूलों में 26 से 50 छात्र संख्या है. इसी तरह 51 से 100 छात्र संख्या वाले स्कूलों की संख्या 1076 है. ऐसे में 429 स्कूल ऐसे हैं, जिनमें 100 से 200 तक छात्र पढ़ते हैं. प्रदेश में 201 से ज्यादा छात्र वाले 141 स्कूल हैं. पहले चरण में राज्य सरकार ने 2 अगस्त से 9 वीं से 12 वीं तक के स्कूल खोले थे. अब जूनियर स्कूलों को खोलने की तैयारी है. कोविड संक्रमण को देखते हुए इस संबंध में एसओपी जारी कर दी गई है. जारी आदेश में कहा गया है कि यदि कोई छात्र बिना मास्क स्कूल आता है तो ऐसे छात्र-छात्राओं के लिए स्कूल को मास्क की व्यवस्था करनी होगी. स्कूल खुलने के दौरान सभी शिक्षकों, कर्मचारियों एवं छात्रों के लिए मास्क पहनना अनिवार्य होगा.
स्कूलों में कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से कराया जा रहा पालन
बता दें कि, स्कूल खोलने के निर्णय को हाई कोर्ट में चुनौती दिए जाने के कारण विभाग पर एसओपी पालन को लेकर अतिरिक्त दबाव है. इसे देखते हुए सभी स्कूलों में कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन किया जा रहा है.
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