खटीमा। एक सितंबर को खटीमा गोलीकांड की 27वीं बरसी खटीमा के शहीद पार्क में शहीद दिवस के रूप में मनाई गई। इस मौके पर राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य निर्माण में शहीद हुए 7 शहीदों को पुष्प अर्पित कर उनके बलिदान को याद किया। बता दें कि उत्तराखंड राज्य गठन के बाद पहली बार खटीमा शहीद दिवस में किसी मुख्यमंत्री ने शिरकत की है।
उधमसिंह नगर के खटीमा में 1 सितंबर 1994 को राज्य आंदोलनकारियों पर पुलिस द्वारा गोली चलाई गई थी। खटीमा गोलीकांड में 7 राज्य आंदोलनकारी शहीद हो गए थे। उनकी याद में हर साल खटीमा में 1 सितंबर को शहीद दिवस मनाया जाता है। पहली बार 1 सितंबर को खटीमा में शहीद दिवस के मौके पर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने शिरकत की है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शहीद दिवस कार्यक्रम में शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित किए. इस दौरान शहीदों के परिजनों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने घोषणा करते हुए कहा कि 31 दिसंबर 2021 तक चिन्हीकरण से वंचित राज्य आंदोलनकारियों को चिन्हित किया जाएगा। वहीं, अब खटीमा में सरकारी तौर पर शहीद दिवस का आयोजन किया जाएगा। साथ ही शहीद राज्य आंदोलनकारियों के परिजनों को भी पेंशन का लाभ दिया जाएगा। एक सितंबर 1994 को उत्तराखंड राज्य की मांग को लेकर सुबह से हजारों की संख्या में लोग खटीमा की सड़कों पर आ गए थे। इस दौरान ऐतिहासिक रामलीला मैदान में जनसभा हुई। जिसमें बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं और बड़ी संख्या में पूर्व सैनिक शामिल थे.जनसभा के बाद दोपहर का समय रहा होगा। सभी लोग जुलूस की शक्ल में शांतिपूर्वक तरीके से मुख्य बाजारों से गुजर रहे थे। जब आंदोलनकारी कंजाबाग तिराहे से लौट रहे थे, तभी पुलिस कर्मियों ने पहले पथराव किया, फिर पानी की बौछार करते हुए गोलियां चला दी। पुलिस की गोलीबारी में 7 राज्य आंदोलनकारी शहीद हो गए थे।
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