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उत्तराखंड की विभूतियों मे सुमार हुए चंपावत के पवनदीप राजन

उत्तराखंड की विभूतियों मे सुमार हुए चंपावत के पवनदीप राजन
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सी एम पपनैं

सु-विख्यात रिएलिटी शो, इंडियन आइडल 2021, के बारहवे सीजन मे, निरंतर दस माह तक, अपनी आवाज के जादू से, देश-विदेश के गीत-संगीत रसिको को दीवाना बना कर रखने तथा 15 अगस्त, देश के 75वे स्वतंत्रता दिवस की बेला पर, बारह घंटो तक चले, धमाकेदार ग्रैंड फिनाले का खिताब, पच्चीस लाख रुपये, एक मारुती सुजुकी स्वीफ्ट डिजायर कार, ट्राफी तथा सिंगिंग कांट्रेक्ट पाने वाले, उत्तराखंड के पवनदीप राजन ने सामान्य स्थितियों से उठ कर, अपनी प्रतिभा व मेहनत के बल, न सिर्फ राष्ट्रीय व वैश्विक फलक पर ख्याति अर्जित की है, अपने प्रदेश का नाम भी रोशन किया है।

अपनी गायन प्रतिभा के बल, समग्र देश के जनमानस का दिल जीतकर, वोट के मामले मे अक्सर टाप पर रहने वाले, विजेता बने, स्टार परफार्मर, पवनदीप राजन के लिए, इंडियन आइडल 2021 का हिस्सा बनना, एक सपने के सच होने जैसा रहा। आडिशन देते वक्त वे डरे हुए थे, काप रहे थे। शीर्ष छ: मे पहुचना उनके लिए अद्भुत व खिताब जितना, एक बहुत बड़ा एहसास रहा है।

इंडियन आइडल के इस मशहूर कार्यक्रम मे, पवनदीप राजन इकलोते ऐसे प्रतिभागी थे, जो विभिन्न तरह के बाद्ययंत्रों ढोलक, ड्रम, तबला, कीबोर्ड, गिटार, पियानो को बजाने के साथ-साथ,
उत्तराखंड पहाडी अंचल की आवाज का सुकून देने वाले, निपुण गायको मे सुमार थे।

मूल रूप से उत्तराखंड कुमांऊ अंचल, चंपावत जनपद के गांव, वल्चौडा निवासी, पच्चीस वर्षीय पवनदीप राजन ने संगीत की कोई विधिवत तालीम नहीं ली है। बचपन मे दो वर्ष की उम्र से ही, दादा स्व.रति राजन (लोकगायक) पिता सुरेश राजन (लोकगायक) व नानी (लोकगायिका) से, विरासत में मिली, गीत-संगीत की अंचलीय विधा का उन पर प्रभाव पड़ा, जिसमे पवनदीप राजन उम्र के बढ़ते चरण मे रमते व परिपक्व होते चले गए। सामान्य परिस्थितियों से उठ कर, अपनी प्रतिभा, मेहनत व निष्ठा के बल, इस मुकाम तक पहुच कर, पवनदीप राजन ने आज की युवा पीढी को प्रेरित करने का कार्य किया है।

उत्तराखंड, कुमांऊ विश्वविद्यालय नैनीताल से स्नातक, पवनदीप राजन, गीत-संगीत के क्षेत्र मे कुछ कर गुजरने की चाहत मे, प्रख्यात गीतकारों व संगीतकारो के अनगिनत वीडियो पर गहन मनन कर, 2015 मे रियलिटी शो, ‘द वायस इंडिया सीजन 1’ मे भाग लेने का साहस जुटा पाए थे। गीत-संगीत व गायन विधा की गहराई मे जाकर, प्राप्त ज्ञान का ही प्रतिफल रहा, पवनदीप राजन ने प्रतियोगिता का खिताब अपने नाम किया। पचास लाख रुपये व एक आल्टो के10 कार भी पुरुष्कार के तहत प्राप्त की।

उक्त जीत से मिले हौसले व प्रसिद्धि के बल ही, पवनदीप राजन द्वारा, म्युजिक कैरियर मे कदम बढ़ाने का फैसला लिया गया। साहस जुटा, पहली एल्बम शुरू की। 2017 मे फिल्म ‘रोमियो एन बुलेट’ मे चार गाने गाए। ‘रेईट’ नामक बैंड के सदस्य बने। देश के चौदह राज्यो व विश्व के तेरह देशो की यात्राऐ कर, करीब बारह सौ गीत-संगीत के कार्यक्रम मंचित करने का सौभाग्य प्राप्त किया। कई मराठी और पहाडी फिल्मो मे, संगीतकार की भूमिका का सफल निर्वाह किया।

बेहद कम उम्र में, इतनी बड़ी उपलब्धियों के बल, उत्तराखंड के युवाओ के प्रेरणाश्रोत बने, पवनदीप राजन को, उत्तराखंड के वर्तमान मुख्यमंत्री पुष्कर धामी द्वारा, उत्तराखंड की कला-संस्कृति और पर्यटन का ब्रांड एम्बेसडर बनाने की घोषणा की गई। राज्य चुनाव आयोग द्वारा, वर्ष 2022 मे होने वाले विधान सभा चुनाव मे, मतदाताओ को प्रेरित कर, शत-प्रतिशत मतदान करवाने हेतु, पवनदीप राजन को ‘निर्वाचन आइकन’ बनाने की सूचना जारी की गई। सरकार द्वारा, स्थानीय प्रशासन को निर्देश जारी किया गया, पवनदीप राजन के नाम किसी रोड़ का नामकरण किया जाए। पीएनबी की कुमांऊ मंडल प्रबंधक सरिता सिंह द्वारा, पवनदीप राजन के गांव को गोद लेकर, उसके आधारभूत ढ़ाचे को सुधारने की घोषणा की गई है। उक्त आदर व नवाजे गए सम्मानों से पूर्व, उत्तराखंड सरकार द्वारा, पवनदीप राजन को ‘यूथ एम्बेसडर आफ उत्तराखंड’ के खिताब से भी सम्मानित किया चुका है।

पवनदीप राजन द्वारा, रिएलिटी शो, इंडियन आइडल 2021 का खिताब जीतने के बाद, दिए गए बयान के मुताबिक, उनकी भविष्य की चाहत, वालीवुड के सबसे बडे संगीत निर्देशक ए आर रहमान और प्रीतम के निर्देशन मे, गाना गाने व अभिनेता सलमान खान के लिए, प्लेबैक सिंगिंग करना मुख्य है।
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