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देव महोत्सव पर कोरोना भारी, संकट में स्थानीय व्यवसायी:पहले ही कर्ज लेकर मंगा चुके लाखों के सामान; महापर्व में करते थे सालभर की कमाई

लोक आस्था का महापर्व छठ व्रत औरंगाबाद जिले के देव में बहुत प्रचलित है। बावजूद इसके पिछले साल की भांति इस साल भी कोरोना महामारी का हवाला देते हुए जिला प्रशासन ने देव महोत्सव और मेले पर रोक लगा दिया है। महापर्व छठ और देव महोत्सव में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु यहां हर साल जुटते थे और भगवान सूर्य को अर्घ्य देकर महापर्व को संपन्न करते थे। लाखों श्रद्धालुओं के पहुंचने से आसपास के स्थानीय लोगों को रोजगार मिलता था और इसी से यहां के स्थानीय लोग साल भर अपना जीवन यापन करते थे।

कलश ढकना बनाने वाले कुम्हार ने कर्ज लेकर लाखों पूंजी फंसाए

छठ महापर्व में दीया, कलश और ढकना का अपना महत्व है। लेकिन, इस साल महोत्सव पर रोक की वजह से कलश और ढकना बनाने वाले आर्थिक तंगी का शिकार हो रहे हैं। कुम्हार गोवर्धन प्रजापति ने कहा कि पिछले 26 वर्षों से वह और उनका पूरा परिवार दीया और कलश बनाने के काम में जुटा है। देव में आने वाले लोग उनके यहां से ही कलश और दीया लेकर भगवान सूर्य को अर्घ्य देते हैं। प्रशासन ने पहले कहा था कि मेला लगेगा। उसको लेकर करीब 2 लाख रुपए कर्ज लेकर पूंजी सामान खरीदने में लगा दिया।

देव में हर साल मेले में पहुंचे लाखों लोग जमकर खरीदारी करते थे। लेकिन, अब कोरोना गाइडलाइन की वजह से बाहरी नहीं आ सकते हैं। उन्होंने कहा कि पिछले दो सालों से वे इसी वजह से परेशानी झेल रहे हैं। इसी मेले की कमाई से सालों भर घर चलता था, लेकिन अब समझ नहीं आ रहा है कि कर्ज कैसे भरेंगे।

10 से 15 हजार में किराए पर लगा था मकान, अब लोग करा रहे हैं कैंसिल

स्थानीय मकान मालिक संतोष कुमार ने कहा कि छठ व्रत में जिले के बाहरी लोग देव में 4 दिनों के लिए पहले ही मकान की बुकिंग करा लेते थे। नई गाइडलाइन की वजह से अब रूम को कैंसिल करा रहे हैं। 4 दिनों के लिए मकान किराया पर देने पर 10 से 15 हजार रुपए चार्ज होता था। स्थानीय लोग किराये से पैसा कमाते थे और उसी से जीवन यापन करते थे।

छठ महापर्व को लेकर प्रसाद और फल-फूल में लाखों रुपए लगाए

फूल और प्रसाद विक्रेता अनिल मालाकार ने कहा कि हर साल महापर्व में 10 लाख से अधिक लोग पहुंचते थे। पिछले दो साल से छठ महापर्व नहीं हों रहा था। लेकिन, इस बार तक पता था कि महोत्सव का आयोजन होगा। इसी वजह से एडवांस में प्रसाद और फलफूल लेकर लाखों की पूंजी लगा दिए। लेकिन, अब बाहरी लोगों की आवाजाही बंद कर दी गई है। ऐसे में उनके जैसे कई लोग बर्बाद हो जाएंगे।

DM बोले- कोविड का बढ़ सकता है खतरा, इसीलिए लगाई रोक

औरंगाबाद के DM सौरभ जोरवाल ने कहा कि कई देशों और राज्यों में कोविड के नए केस सामने आ रहे हैं। ऐसा देखा गया है कि देव महापर्व में देश के कोने-कोने से लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं। ऐसे में कोविड बढ़ने की आशंका बढ़ जाएगी। इसी को ध्यान में रखते हुए इस बार देव में छठ महापर्व को सादगी से मनाने का फैसला किया गया है। देव महोत्सव और सांस्कृतिक कार्यक्रम पर रोक लगा दी गई है। साथ ही दूसरे जिले के पदाधिकारियों को लेटर के माध्यम से जानकारी दे दी गई है।

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