Site icon Memoirs Publishing

लोक कला व संस्कृति राष्ट्र की धरोहर: मदन

नेबुआ नौरंगिया गांव के भीमल छपरा गांव में सेवाज्ञ संस्थानम वाराणसी के तत्वावधान में रविवार को विष्णुशरण मिश्र लोक कला सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इसमें लोक कला से जुड़े कलाकारों को सम्मानित किया गया।

सामुदायिक विकास, सामाजिक सौहार्द और लोक कलाओं के विकास के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले विष्णु शरण मिश्र की पुण्यतिथि पर हर साल लोक कलाओं के विकास और संरक्षण के लिए अभूतपूर्व योगदान देने वाले कलाकारों को सम्मानित किया जाता है। इस वर्ष बंधन यादव को लोक गायन आल्हा व नर्वदा प्रसाद को लोक नाट्य विधा के लिए विष्णुशरण मिश्र लोक कला सम्मान की स्मृति चिह्न, शाल व 2000 नकद राशि दी गई। इससे पूर्व वर्ष 2018 में रतन प्रसाद को लोक नृत्य फरुवाही के लिए, वर्ष 2019 में लहरी पांडेय एवं रामनरेश को ढोलक वादन के लिए, वर्ष 2020 में लक्ष्मण यादव को लोक गायन बिरहा और लक्ष्मी प्रसाद को लोक नाट्य विधा नाच के लिए सम्मानित किया जा चुका है।

मुख्य अतिथि पूर्व विधायक मदन गोविद राव ने कहा कि लोक कला और संस्कृति समाज और राष्ट्र की धरोहर हैं। जिसका कोई लोक नहीं होता वह समाज व राष्ट्र बंजारा हो जाते हैं। लोक कला और संस्कृति को मान्यता देना सच्चे अर्थों में राष्ट्र आराधना है। अध्यक्षता कर रहे विधायक जटाशंकर त्रिपाठी ने कहा कि विष्णुशरण मिश्र के नाम से दिया जाने वाला सम्मान पूरे समाज और संस्कृति का सम्मान है। संचालन नवनीत मिश्र ने किया व प्रवीण गुंजन ने आभार प्रकट किया। हरिशंकर राय, मुनेब अंसारी, शशिकांत मिश्र, नवनीत तिवारी, नत्थू यादव, विवेकानंद तिवारी ने भी संबोधित किया। मनोज कुमार पांडेय, राघव शरण मिश्र, डा. अशरण शरण मिश्र, ईश्वर शरण मिश्र, प्रधान मुस्तकीम अंसारी, रवींद्र पांडेय, योगेंद्र यादव आदि मौजूद रहे।

Share this content:

Exit mobile version