पूर्व सीएम हरीश रावत और कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की बढ़ती नजदीकियों के बीच राज्य में दलबदल की अटकलें एक बार फिर तेज हो गई हैं। पिछले दिनों पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य और उनके विधायक बेटे कांग्रेस में शामिल हो गए। अब कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत और बीजेपी विधायक उमेश शर्मा काऊ की कांग्रेस में वापसी की अटकलें तैर रही हैं। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा भी देहरादून पहुंच गए हैं। प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनने के बाद बहुगुणा हमेशा साइडलाइन रहे, अब जब दलबदल की अटकलें तेज हो गई हैं तो बीजेपी ने विजय बहुगुणा को इन अटकलों पर विराम लगाने की जिम्मेदारी दी है.
उनके अचानक देहरादून पहुंचने के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। देहरादून पहुंचने के बाद उन्होंने कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत और सुबोध उनियाल समेत उन सभी नौ लोगों से बात की, जो कांग्रेस से बगावत कर बीजेपी में शामिल हुए थे। दरअसल जब से पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य और उनके बेटे नें कांग्रेस में वापसी की है। तब से दलबदल की चर्चाएं थम नहीं रहीं। इन कयासबाजियों से प्रदेश संगठन खासा असहज है। सूत्रों के मुताबिक, पार्टी केंद्रीय नेतृत्व ने इन अटकलों पर पूर्ण विराम लगाने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री बहुगुणा को मैदान में उतारा है। देहरादून पहुंचने के बाद विजय बहुगुणा ने प्रदेश महामंत्री संगठन अजेय कुमार से मुलाकात की।
इसके बाद बहुगुणा कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत के घर पहुंचे। वहां उनकी कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल से भी बातचीत हुई। विजय बहुगुणा ने सबसे बारी-बारी बात की। सूत्रों के मुताबिक, बहुगुणा ने सभी से धैर्यपूर्वक और उत्साह के साथ चुनावी तैयारी में जुटने का आह्वान किया। मीडिया से बातचीत के दौरान विजय बहुगुणा ने कहा कि पार्टी छोड़ने को लेकर जो चर्चाएं हो रही हैं, वो बे सिर-पैर की कहानी है। उसमें कोई सच्चाई नहीं है। न तो कोई नाराज है न ही कोई कहीं जा रहा है। हमने कांग्रेस से विभाजन सिद्धांतों के आधार पर किया था। उत्तराखंड का हित और विकास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों में सुरक्षित है।
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