साल 2013 के शक्ति मिल गैंगरेप के मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट आज (गुरुवार को) अपना अंतिम फैसला सुनाएगा. फांसी की सजा की मंजूरी के लिए राज्य सरकार की याचिका पर बॉम्बे हाई कोर्ट आज फैसला देगा. बता दें कि मुंबई सेशन कोर्ट ने 4 अप्रैल 2014 को मामले के तीन आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई थी.
मुंबई: साल 2013 के शक्ति मिल गैंगरेप के मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट आज (गुरुवार को) अपना अंतिम फैसला सुनाएगा. फांसी की सजा की मंजूरी के लिए राज्य सरकार की याचिका पर बॉम्बे हाई कोर्ट आज फैसला देगा. बता दें कि मुंबई सेशन कोर्ट ने 4 अप्रैल 2014 को मामले के तीन आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई थी. इन तीन आरोपियों के नाम विजय जाधव, कासिम बंगाली और सलीम अंसारी हैं. तीनों आरोपियों को आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश किया जाएगा.
शक्ति मिल गैंगरेप केस की टाइमलाइन
22 अगस्त 2013 को एक मैगजीन के लिए काम करने वाली महिला फोटो जर्नलिस्ट के साथ महालक्ष्मी स्थित शक्ति मिल कंपाउंड में शाम तकरीबन 6 बजकर 45 मिनट पर गैंगरेप हुआ था. फिर 23 अगस्त 2013 को मामले में पहली गिरफ्तारी हुई थी. नाबालिग आरोपी को गिरफ्तार किया गया था. 24 अगस्त 2013 को दूसरा आरोपी विजय जाधव गिरफ्तार हुआ था. इसी दिन कुछ घंटों बाद तीसरा आरोपी सिराज रहमान उर्फ सिरजू की भी गिरफ्तारी की गई थी. फिर 25 अगस्त 2013 को चौथे आरोपी कासिम बंगाली की गिरफ्तारी हुई थी. 25 अगस्त 2013 को पांचवां और मुख्य साजिशकर्ता मोहम्मद सलीम अंसारी गिरफ्तार किया गया था.
इसके बाद 26 अगस्त 2013 को पीड़ित फोटो जर्नलिस्ट का बयान दर्ज किया गया था. 27 अगस्त 2013 को पीड़ित को अस्पताल से छुट्टी मिली थी. 3 सितंबर 2013 को एक और पीड़िता सामने आई थी. 19 साल की टेलीफोन ऑपरेटर ने पुलिस को बताया कि 31 जुलाई को उसके साथ भी पांच लोगों ने गैंगरेप किया जिसमें पहले से गिरफ्तार तीन आरोपी शामिल थे.
फिर 4 सितंबर 2013 को पीड़ित लड़की ने आइडेंटिफिकेशन परेड में आरोपियों की पहचान की थी. इसके बाद 19 सितंबर 2013 को मुंबई क्राइम ब्रांच ने तकरीबन 600 पन्ने की चार्जशीट दायर की. 14 अक्टूबर 2013 को ट्रायल की शुरुवात हुई. 17 अक्टूबर 2013 को पीड़िता ने अदालत में आरोपियों की पहचान की. 13 जनवरी 2014 को पीड़िता के सहयोगी और चश्मदीद गवाह ने भी आरोपियों को पहचान की. 20 मार्च 2014 को मुंबई सेशंस कोर्ट ने सभी चारों आरोपियों को दोषी पाया. 4 अप्रैल 2014 को तीन रिपीट ऑफेंडर्स को फांसी की सजा जबकि बाकी आरोपी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई.
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