ऑस्ट्रेलिया के रूप में दुनिया को टी-20 वर्ल्ड कप के रूप में एक नया चैंपियन मिल गया है। कंगारू टीम ने टी-20 वर्ल्ड कप के फाइनल में न्यूजीलैंड को 8 विकेट से हराकर पहली बार इस खिताब पर कब्जा जमाया। टी-20 चैंपियन बनने के लिए ऑस्ट्रेलिया को पूरे 14 सालों का इंतजार करना पड़ा। 2010 में टीम के पास टूर्नामेंट जीतने का मौका था, लेकिन इंग्लैंड ने टीम के सपने को पूरा नहीं होने दिया था।
शुरू से रहा है कंगारू टीम का दबदबा
जब-जब ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम की बात होती है, तब-तब 90 और 2000 का दशक याद आ जाता है। इस दौर में ऑस्ट्रेलिया टीम का खेल देखने लायक होता था। टीम को मानों बड़े खिताब जीतने की आदत सी थी। एक के बाद एक कई बड़ी ट्रॉफी कंगारू टीम ने जीतकर अपने नाम की। ऑस्ट्रेलिया दुनिया की पहली टीम बनी, जिसने लगातार 3 बार वनडे वर्ल्ड कप जीतने का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया।
उस दौर में टीम का रुतबा ऐसा था कि विपक्षी टीम के खिलाड़ी कंगारू टीम का नाम सुनकर ही घबराने लगते थे। 1999, 2003 और 2007 में टीम ने विश्व कप जीतने की हैट्रिक लगाई। जब टी-20 फॉर्मेट ने क्रिकेट की दुनिया में कदम रखा, तब भी शुरू से फैंस ने इस टीम को ही चैंपियन के रूप में देखना शुरू किया। हालांकि, टीम पहले छह विश्व कप में अपने इस सपने पूरा नहीं कर सकी।
टीम ने जीते 5 वर्ल्ड कप
1975 में पहली बार वनडे वर्ल्ड कप खेला गया था और टीम ने 1987 में पहला खिताब अपने नाम किया। भले ही कंगारू टीम को अपना पहला वनडे वर्ल्ड कप जीतने में पूरे 12 साल लग गए थे लेकिन उसके बाद टीम ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। कंगारू टीम ने 1987 में सबसे पहले एलन बॉर्डर की कप्तानी में इंग्लैंड को 7 विकेट से हराया था। उसके बाद 1999 में स्टीव वॉ, 2003-2007 में रिकी पोंटिंग और 2015 में माइकल क्लार्क ने टीम को वर्ल्ड चैंपियन बनाया। ऑस्ट्रेलिया टीम ने कुल 7 वर्ल्ड कप फाइनल खेले और पांच में खिताबी जीत दर्ज की।
ICC चैंपियंस ट्रॉफी में भी ऑस्ट्रेलियाई टीम का खासा दबदबा देखने को मिला। टीम ने लगाातार दो बार 2006 और 2009 में चैंपियंस का चैंपियन बनकर दिखाया। आज T-20 चैंपियन बनकर टीम ने वाकई में अपने फैंस को नए साल से पहले न्यू ईयर का तोहफा दिया।
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