इस खबर में हम आपके लिए वीरभद्रासन-1 के बारे में जानकारी दे रहे हैं.
Health Benefits Virabhadrasana 1: वीरभद्रासन (Virabhadrasana 1, 2 & 3) को इंग्लिश में वॉरियर्स पोज कहा जाता है. यह तीन प्रकार का होता है. वीरभद्रासन 1, वीरभद्रासन 2 और वीरभद्रासन 3. इन तीनों को करने से सेहत को अलग-अलग तरीके से लाभ होते हैं. इस खबर में हम आपके लिए वीरभद्रासन-1 के बारे में जानकारी दे रहे हैं.
क्या है वीरभद्रासन 1
वीरभद्र (Virabhadra) शब्द संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर बना है. पहले शब्द ‘वीर’ जिसका अर्थ बहादुर (hero) होता है, जबकि दूसरे शब्द भद्र का अर्थ मित्र या दोस्त होता है. योग विज्ञान में वीरभद्रासन को योद्धाओं का आसन कहा जाता है. इस आसन को पावर योग (Power Yoga) का आधार माना जाता है.
- सबसे पहले जमीन पर मैट बिछाएं और उस पर खड़े हो जाएं.
- अब गहरी लंबी सांस लें और अपने बाएं पैर को अंदर की तरफ मोड़ें.
- दाहिने पैर को बाहर की तरफ मोड़ें.
- अब अपने दोनों हाथों को ऊपर की तरफ लेकर जाएं.
- अपनी नजरों को भी अपने हाथों पर टिकाएं.
- इस दौरान आप गहरी लंबी सांस लेते रहें.
- आपके दोनों पैर एक ही रेखा में होने चाहिए.
- अब 30 से 40 सेकंड तक इस स्थिति में बने रहें.
- समय आप अपनी क्षमता के अनुसार भी निर्धारित कर सकते हैं.
- अब पहले की स्थिति में आने के लिए सबसे पहले अपने हाथों को नीचा कर लें.
- अपने सर को भी नीचे ले आएं. अब ये प्रक्रिया दूसरे पैर से करें.
वीरभद्रासन 1 के फायदे (Benefits of Virabhadrasana 1)
- इसके अभ्यास से छाती और फेफड़ों में खिचाव आता है
- कंधे और गर्दन, पेट, में भी खिचाव आता है.
- कंधों, बाज़ुओं और पीठ की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है
- जांघों, पिंदलियों और टखनों को मजबूत करता है.
- वीरभाद्रासन का नियमित अभयास साइटिका से राहत दिलाता है.
इन बीमारियों में लाभकारी है
वीरभद्रासन-1 का अभ्यास कई बीमारियों जैसे अस्थमा (Asthma), साइटिका (Sciatica), और इंसोम्निया (Insomnia) को दूर करने में किसी थेरेपी की तरह काम करता है. इस आसन को करने के दौरान डायफ्राम को फैलाना होता है, जिससे श्वसन तंत्र बेहतर तरीके से काम कर पाता है और अस्थमा के मरीजों को इससे बहुत मदद मिलती है.
वीरभद्रासन 1 करने के दौरान बरतें ये सावधानी
- जिन्हे हाई बीपी या हृदय की समस्या है वो इसे न करें
- हाथ कंधे से ऊपर उठाने में सिककत हो तो इसे न करें
- आपके गर्दन में समस्या हो तो सिर को सीधा ही रखें.
- अपनी शारीरिक क्षमता से अधिक जोर न लगायें.
Share this content: