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कोरोना: तीसरी लहर के ‘पीक’ टाइम का चला पता, हर दिन आएंगे इतने केस!

भारत में ओमिक्रॉन (Omicron) के अब तक 21 मामले सामने आ चुके हैं. IIT के वैज्ञानिक ने थर्ड वेव को लेकर अनुमान जताया है.

मुंबई: SARS-COV-2 के नये वैरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron) से कोरोना वायरस महामारी की तीसरी लहर की जल्द आशंका जताई जा रही है. IIT मुंबई के वैज्ञानिक ने अनुमान लगाया है कि तीसरी लहर फरवरी में चरम पर पहुंच सकती है, जब देश में प्रतिदिन एक लाख से डेढ़ लाख तक मामले सामने आने की संभावना है.

दूसरी लहर से रहेगी हल्की

IIT के वैज्ञानिक मनिंद्र अग्रवाल ने कहा कि नये अनुमान में, ओमिक्रॉन वैरिएंट को एक कारक के तौर पर शामिल किया गया है.
उन्होंने कहा, ‘नये वैरिएंट के साथ, हमारा मौजूदा अनुमान यह है कि देश में फरवरी तक तीसरी लहर आ सकती है लेकिन यह दूसरी लहर से हल्की होगी. अब तक हमने देखा है कि ओमिक्रॉन से होने वाले संक्रमण की गंभीरता डेल्टा स्वरूप की तरह नहीं है.’ हालांकि, उन्होंने कहा कि दक्षिण अफ्रीका में सामने आए मामलों पर करीबी नजर रखी जा रही है, जहां इस नये वैरिएंट के कई मामले सामने आए हैं.

लग सकता है लॉकडाउन?

अग्रवाल ने कहा कि फिलहाल दक्षिण अफ्रीका में संक्रमण के कारण अस्पताल में भर्ती होने की दर में वृद्धि नहीं दिखी है. उन्होंने कहा कि वायरस और अस्पताल में भर्ती होने की दर पर नये आंकड़ों से स्थिति की कहीं ज्यादा स्पष्ट तस्वीर मिलेगी. अग्रवाल ने कहा, ‘ऐसा लगता है कि नये स्वरूप ने ज्यादा संक्रामकता दिखाई है लेकिन इसकी गंभीरता डेल्टा स्वरूप जैसी नहीं दिखी है.’ उन्होंने कहा कि डेल्टा वैरिएंट के प्रसार के दौरान जैसा पाया गया था कि हल्की पाबंदी वाला लॉकडाउन (रात का कर्फ्यू, भीड़ पर प्रतिबंध) संक्रमण के प्रसार में कमी ला सकता है और इससे मामलों की संख्या कम रह सकती है.

अक्टूबर में जताई जा रही थी संभावना

साइंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग समर्थित सूत्र मॉडल ने इससे पहले बताया था कि यदि डेल्टा से ज्यादा संक्रामक नया वैरिएंट होता है तो अक्टूबर तक देश में कोरोना वायरस की तीसरी लहर आ सकती है. हालांकि, नवंबर के अंत तक नया वैरिएंट नहीं आया था. WHO ने दक्षिण अफ्रीका और कुछ अन्य देशों में सामने आये कोविड के नये वैरिएंट को 26 नवंबर को ओमिक्रॉन नाम दिया था.

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