प्रदेश में 14 फरवरी को राज्य की 70 विधानसभा सीटों के लिए होने वाले चुनाव में सुरक्षा व्यवस्था के लिहाज से अर्द्ध सैनिक बल की 115 कंपनियां तैनात होंगी। इसके अलावा 10 हजार से अधिक पुलिस कर्मी और होमगार्ड भी सुरक्षा व्यवस्था का जिम्मा संभालेंगे।
प्रदेश में 14 फरवरी को होने वाले मतदान के लिए आयोग तैयारियों में जुटा हुआ है। चुनाव में एक लाख से अधिक कर्मचारियों की ड्यूटी लगेगी। इनमें केवल मतदान कार्य को ही संपन्न कराने के लिए 50 हजार से अधिक कर्मचारियों की तैनाती की जाएगी। इसके अलावा शेष कर्मचारी आचार संहिता का अनुपालन कराने, सुरक्षा व्यवस्था को दुरुस्त रखने, प्रशिक्षण व मतगणना आदि कार्यों को संपन्न कराएंगे।
चुनाव पारदर्शी और शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हों, इसके लिए आयोग ने केंद्र से सुरक्षा बलों की 115 कंपनियों की मांग की है। इनमें से 35 कंपनियां पहुंच चुकी हैं। मतदान की तिथि निकट आते-आते शेष कंपनियां भी यहां पहुंच जाएंगी। एक कंपनी में तकरीबन 100 जवान शामिल होते हैं। इन अर्द्धसैनिक बलों का सहयोग मतदान केंद्रों के साथ ही जांच कार्य के लिए लिया जाएगा। यहां तक कि मतदान के दिन से लेकर मतगणना तक के बीच जिलों में जहां भी ईवीएम मशीनें रखी जाएंगी, वे स्थान अर्द्ध सैनिक बलों की निगरानी में रहेंगे। इनकी सुरक्षा का पूरा दायित्व अर्द्धसैनिक बलों का ही रहेगा। इसके अलावा आयोग ने तकरीबन 10 हजार पुलिस कर्मियों और होमगार्ड जवानों की ड्यूटी भी मतदान के लिए लगाई हैं। इस समय विभिन्न स्थानों पर जांच व आचार संहिता उल्लंघन के मामलों के खिलाफ कार्रवाई में भी पुलिस इसके लिए गठित दलों का सहयोग कर रही है।
प्रदेश की अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या ने बताया कि चुनाव को शांतिपूर्ण व सुरक्षित बनाने के लिए केंद्र से सुरक्षा बलों की उपलब्धता का अनुरोध किया गया है। इस कड़ी में अर्द्ध सैनिक बलों का आना शुरू हो गया है।
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