दिसंबर-जनवरी में देशभर में कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट के चलते रोजाना संक्रमण के मामलों में तेज उछाल देखने को मिला था। बढ़ते संकट को देखते हुए सरकार ने आंशिक लॉकडाउन और वीकेंड कर्फ्यू जैसे नियमों की घोषणा की थी, हालांकि अब संक्रमण की रफ्तार धीमी होती दिख रही है। जनवरी के महीने में जहां रोजाना ढाई लाख से अधिक संक्रमित सामने आ रहे थे, वहीं अब यह आंकड़ा घटकर 15 हजार से कम हो गया है। ओमिक्रॉन के कम होते प्रभाव को देखते हुए सरकार ने प्रतिबंधों को हटाने का फैसला किया है। इसी क्रम में दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने भी हाल ही में राजधानी में नाइट कर्फ्यू और रेस्तरां-बार में 50 फीसदी क्षमता वाले नियमों को वापस ले लिया है। स्कूल-ऑफिस भी अब दोबारा ऑफलाइन मोड की तरफ बढ़ रहे हैं।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, ओमिक्रॉन के कम होते मामले निश्चित ही राहत देने वाले हैं, पर हमें हमेशा इस बात को ध्यान में रखना होगा कि महामारी अब भी जारी है। संक्रमण की रफ्तार कम हुई है पर कोरोना का वायरस अब भी हम सबके बीच मौजूद है। ऐसे में सभी लोगों को बचाव के उपायों में कोई भी ढील नहीं बरतनी चाहिए। ध्यान रहे रिपोर्ट्स में ओमिक्रॉन के सब-वैरिएंट BA.2 के मामलों का जिक्र किया जा रहा है, ऐसे में हमारी जरा सी भी लापरवाही बड़ी मुसीबतों का कारण बन सकती है। आइए आगे की स्लाइडों में जानते हैं कि इस समय किन बातों को ध्यान में रखना हम सभी के लिए आवश्यक है?
वैक्सीन की दोनों डोज जरूरी
कोरोना के मौजूदा या फिर संभावित खतरों से बचे रहने के लिए तमाम अध्ययनों में वैक्सीनेशन को सबसे कारगर उपाय माना गया है। यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के अनुसार, वैक्सीन कोरोना के गंभीर संक्रमण या इसके कारण होने वाली मौत के खतरे को कम करने काफी असरदार पाई गई हैं। वैक्सीनेशन करा चुके लोगों को संक्रमण हो सकता है पर इसके कारण बीमारी के गंभीरत रूप लेने का जोखिम काफी कम होता है। ऐसे में महामारी से मुकाबले के लिए सभी लोगों को जल्द से जल्द दोनों डोज ले लेनी चाहिए।
मास्क लगना न भूलें
कोरोना के खतरे से बचाव के लिए मास्क पहनने को बचाव का सबसे प्रभावी हथियार माना जा रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के वैज्ञानिकों के मुताबिक मास्क का उपयोग वायरस के संचरण को रोकने में सहायक हो सकता है। चाहे आपका टीकाकरण हो गया हो या नहीं, विशेष रूप से सार्वजनिक स्थानों और भीड़-भाड़ वाली जगहों पर फेस मास्क जरूर लगाकर रखें। एन95 जैसे रेस्पिरेटर मास्कों को सबसे अधिक सुरक्षात्मक पाया गया है।
सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी
कोरोना की कम होती रफ्तार के बीच एक बार फिर से स्कूल-ऑफिस खुल गए हैं, लोगों का सार्वजनिक स्थानों पर आवागमन भी बढ़ रहा है। इन सबके बीच कोरोना के खतरे को ध्यान में रखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का हमेशा पालन करते रहना सुनिश्चित करें। सीडीसी विशेषज्ञों के मुताबिक सार्वजनिक स्थानों पर लोगों से कम से कम छह फीट की दूरी बनाकर रखना चाहिए। टीकाकरण करा चुके या बिना टीकाकरण वाले लोगों, दोनों के लिए यह आवश्यक है। सोशल डिस्टेंसिंग के माध्यम से संक्रमण के प्रसार को रोकने में मदद मिल सकती है।
लक्षणों को न करें अनदेखा
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, कोरोना के ओमिक्रॉन जैसे वैरिएंट्स के कारण लोगों को हल्के या एसिम्टोमैटिक लक्षणों का अनुभव अधिक हो रहा है। ऐसे में कौन संक्रमित है या नहीं इसका अंदाजा लगाना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। कोरोना के संचरण को रोकने के लिए, यदि आपको हल्का बुखार, गले में खराश, नाक बहने, थकान महसूस होने या फिर किसी अन्य तरह को कोविड-19 के लक्षणों का अनुभव होता है तो इसे अनदेखा न करें। घर पर ही रहें, बाहर जाने से बचें। लक्षणों के बारे में किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें।
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