फरवरी 2019 में कैट के पूर्व चेयरमैन के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी किया गया था। इस अवमानना नोटिस को जस्टिस रेड्डी ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
हाईकोर्ट ने केंद्रीय प्रशासनिक ट्रिब्यूनल के पूर्व चेयरमैन जस्टिस एल नरसिंहन रेड्डी को चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई।
फरवरी 2019 में कैट के पूर्व चेयरमैन के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी किया गया था। इस अवमानना नोटिस को जस्टिस रेड्डी ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सर्वोच्च न्यायालय ने मार्च 2019 में नैनीताल हाईकोर्ट में चल रही अवमानना याचिका पर अगले आदेश तक सुनवाई स्थगित रखने और आगे कोई आदेश न देने के निर्देश दिए थे।
एकलपीठ ने जस्टिस रेड्डी को अवमानना के आरोप में किया था दोषमुक्त
साथ ही याचिकाकर्ता आईएफएस संजीव चतुर्वेदी को नोटिस जारी करते हुए जवाब देने के लिए कहा था। इसके बाद इस प्रकरण में दोनों पक्षों की ओर से जवाब व प्रतिशपथपत्र दाखिल करने की कार्यवाही पूरी हो चुकी थी। 19 नवंबर 2021 को यह मामला फिर सूचीबद्ध हो गया।
इसके बाद एकलपीठ ने जस्टिस रेड्डी को अवमानना के आरोप में दोषमुक्त कर दिया। इस आदेश के खिलाफ संजीव ने रिकॉल प्रार्थनापत्र दाखिल किया। यह मामला संजीव चतुर्वेदी के एसीआर में जीरो अकंन से संबंधित है। पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट की एकलपीठ ने केंद्रीय प्रशासनिक ट्रिब्यूनल के पूर्व चेयरमैन जस्टिस एल नरसिंहन रेड्डी को चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।
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