Site icon Memoirs Publishing

पिथौरागढ़ जिला और महिला चिकित्सालय को मिलने वाले अनुदान में गिरावट, आरटीआइ से तथ्य हुए उजागर

संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: उत्तराखंड में स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के तमाम दावे किए जा रहे हैं, लेकिन हकीकत उल्टी है। पर्वतीय जिलों के लोग बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं, सरकार स्वास्थ्य सेवाओं से लगातार हाथ पीछे खींच रही है। इसकी पुष्टि सरकार की ओर से दी गई सूचनाओं से ही हो रही है। युवा शोधाथिर्यों के स्वतंत्र समूह उत्तराखंड रिसर्च ग्रुप ने आरटीआइ के जरिये अनुदान में हो रही कटौती का खुलासा किया है।

उत्तराखंड रिसर्च ग्रुप ने मंगलवार को फैक्ट सीट सार्वजनिक की। पिथौरागढ़ जिले के आंकड़ों पर नजर डाले तो पिथौरागढ़ जिले को अनुदान के रूप में मिलने वाली धनराशि लगातार कम हो रही है। वर्ष 2015-16 में जिले को 1.80 करोड़ की धनराशि अनुदान के रूप में प्राप्त हुई। वर्ष 2016-17 में इसमें 20 लाख की कमी आ गई। अनुदान की राशि घटकर 1.60 करोड़ रह गई। अगले दो वर्ष 2018 और 2019 में एक- एक करोड़ का अनुदान सीमांत जिले को मिला। 2020 में अनुदान एक करोड़ से घटकर 90 लाख रह गया। कोविड प्रभावित रहे वर्ष 2020-21 में अनुदान में बढ़ोतरी हुई। इस वर्ष 1.51 करोड़ का अनुदान मिला।

अनुदान से मिलने वाली धनराशि का उपयोग चिकित्सा व्यवस्था को बेहतर करने में किया जाता है। अनुदान में लगातार हो रही कमी का असर इस बुनियादी सेवा को बेहतर करने में साफ देखा जा सकता है।

उत्तराखंड रिसर्च ग्रुप के शिवम ने बताया कि राज्य में पिछले पांच वर्ष में मातृ और नवजात मृत्यु के मामले भी लगातार बढ़ रहे हैं। अनुदान राशि में कटौती को स्वास्थ्य सेवाओं में प्रतिकूल असर पड़ेगा। ======= राज्य में इस तरह आ रही अनुदान राशि में गिरावट वर्ष अनुदान राशि

1. 2016 29.01 करोड़ 2. 2017 14.27 करोड़

3. 2018 10.17 करोड़

4. 2019 6.49 करोड़

5. 2020 7.84 करोड़

6. 2021 14.27 करोड़

 

Share this content:

Exit mobile version