अल्मोड़ा। उत्तराखंड की संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के लिए अपनी धरोहर संस्था पूरे प्रदेश में श्री गोल्ज्यू संदेश यात्रा निकालेगी। यह यात्रा 24 अप्रैल को मुनस्यारी के (धरती धार) बोना से शुरू होकर पांच मई को घोड़ाखाल गोलू मंदिर पहुंचकर समाप्त होगी। धरोहर के सचिव विजय भट्ट ने डीसीबी सभागार में पत्रकारों से वार्ता में यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि यात्रा का उद्देश्य उत्तराखंड की संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के साथ ही रोजगार, शिक्षा, चिकित्सा कृषि क्षोत्र को बढ़वा देना है। यह यात्रा धरती धार (बोना गांव) से शुरू होकर प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर स्थित गोलू और देव मंदिर से होते हुए एक मई को अल्मोड़ा पहुंचेगी। पांच मई को घोड़ाखाल पहुंचकर समाप्त होगी। यात्रा में शामिल यात्री इस दौरान यात्रा मार्ग और पड़ावों पर शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, पर्यटन समेत सभी समस्याओं का दस्तावेज तैयार करेंगे। वहीं शिल्पकार, मूर्तिकार, लोहार, जगरिये, डंगरिए, लोक गायकों, नर्तकों वाद्य यंत्र बनाने वालों और बजाने वालों की पहचान और विरासत को जीवंत रखने वाले कलाकरों की पहचान करेंगे। प्रत्येक पड़ाव में गोल्ज्यूकि पंचैत (गोष्ठी) भी आयोजित की जाएगी।
समस्याओं का दस्तावेज तैयार कर सरकार के सम्मुख रखा जाएगा और प्रेशर ग्रुप तैयार कर सरकार से समस्याओं का समाधान करवाया जाएगा। इस मौके पर संस्था के प्रदेश उपाध्यक्ष मनमोहन चौधरी, जिला संयोजिका राधा तिवारी, श्याम सुंदर रौतेला, डॉ. चंद्र प्रकाश फुलोरिया, लता पांडे, संजय मठपाल आदि भी उपस्थित रहे।
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