श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे (Mahinda Rajapaksa) सोमवार को नई कैबिनेट की पहली बैठक में राजनीतिक पार्टियों द्वारा दिए गए प्रस्तावों को पेश करेंगे। संविधान के 21वें संशोधन को लेकर दिए गए इन प्रस्तावों को राजनीतिक दलों ने संसद में पेश किया था। यह प्रस्ताव विपक्षी दल समागी जन बलवेगया ( Samagi Jana Balawegaya), यूनाइटेड नेशनल पार्टी (United National Party) और हाल में ही निर्दलीय घोषित किए गए हैं सांसदों के ग्रुप ने संसद के अध्यक्ष को ये प्रस्ताव पेश किए।
राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के नेतृत्व में नए गठित कैबिनेट की पहली मीटिंग आज शाम पांच बजे से शुरू होगी। नए कैबिनेट ने 18 अप्रैल को शपथ लिया था। इसी माह की शुरुआत में कैबिनेट के कई मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया था। स्थानीय मीडिया कोलंबो पेज के अनुसार मंजूरी मिलने के बाद कैबिनेट के इन प्रस्तावों को लीगल ड्राफ्ट्समैन्स डिपार्टमेंट फार एडाप्शन को भेजा जाएगा। संसद में राजनीतिक दल के नेताओं ने 20वें संशोधन को रद करने पर सहमति दी है और ये सब संविधान में 21वें संशोधन के लिए तैयार हैं।
नए बदलावों में 19वें संशोधन के तहत हुई कमियों को दूर किया जाएगा। इस बीच पार्टी नेताओं की 28 अप्रैल को बैठक होनी है। 3 अप्रैल को पूरी श्रीलंकाई कैबिनेट ने इस्तीफा दे दिया था। केवल प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने ही अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया है। 1948 में मिली आजादी के बाद से पहली बार श्रीलंका आर्थिक संकट से जूझ रहा है। ऊर्जा की किल्लत के कारण श्रीलंका के कुछ हिस्सों में ब्लैकआउट के हालात हैं। श्रीलंका के विदेशी कर्ज का आकलन 51 बिलियन डालर किया गया है।
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