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उत्तराखंड में 78 जगह धधके जंगल: वनागिन्न को लेकर जारी रिपोर्ट ने किया हैरान, वन्य जीवों की हानि का एक भी मामला नहीं दर्शाया

ब तक हुई जंगलों की आग की घटनाओं में पिथौरागढ़ जिले में एक महिला की मौत हुई है जबकि वन विभाग के नियमित एवं दैनिक छह कर्मचारी घायल हुए हैं।

प्रदेश में जंगल की आग की रोकथाम के लिए अधिकारियों की मैराथन बैठकों के बावजूद जंगल की आग थम नहीं रही है। शनिवार को 78 जगह जंगल धधके जिससे 106 हेक्टेयर से अधिक वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है। गढ़वाल में 61 और कुमाऊं में आग की 13 घटनाएं हुई जबकि चार घटनाएं वन्य जीव क्षेत्र की हैं।

मुख्य वन संरक्षक वनाग्नि एवं आपदा प्रबंधन निशांत वर्मा की ओर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में अब तक आग की 1791 घटनाएं हुई हैं जिससे 2891 हेक्टेयर से अधिक वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है। अब तक हुई आग की घटनाओं में पिथौरागढ़ जिले में एक महिला की मौत हुई है जबकि वन विभाग के नियमित एवं दैनिक छह कर्मचारी घायल हुए हैं।

जंगल की आग से वन्य जीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है, लेकिन हैरानी की बात यह है कि विभाग की ओर से जारी रिपोर्ट में वन्य जीवों की हानि का एक भी मामला नहीं दर्शाया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल अब तक जंगल की आग से 74 लाख से अधिक की आर्थिक क्षति हुई है।

प्रदेश में अप्रैल महीने में खूब धधके जंगल

मुख्य वन संरक्षक वनाग्नि एवं आपदा प्रबंधन निशांत वर्मा के मुताबिक पिछले साल वनाग्नि दुर्घटना से 3927 हेक्टेयर जंगल को नुकसान हुआ जबकि तीन लोग घायल हुए थे। प्रदेश में अप्रैल महीने में आग की 1600 से अधिक घटनाएं हुई। इससे गढ़वाल और कुमाऊं दोनों मंडलों के वन क्षेत्रों में वन संपदा को भारी नुकसान हुआ है। एक अप्रैल को जंगल में आग की 154 घटनाएं थी। जबकि 30 अप्रैल तक इनकी संख्या बढ़कर 1791 हो गई।

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