वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में शिवलिंग मिलने के दावे सहित सभी मुद्दों पर आपत्ति तलब कर निपटारे के लिए अदालत में आज सुनवाई टल गई। अगली सुनवाई अब सोमवार को होगी।
ज्ञानवापी परिसर में शिवलिंग मिलने के दावे सहित सभी मुद्दों पर आपत्ति तलब कर निपटारे के लिए अदालत में आज लगातार दूसरे दिन सुनवाई टल गई। अब इस मामले में 23 मई (सोमवार) को सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश की प्रति मिलने के बाद सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने ये निर्णय किया।
गुरुवार को शासन की ओर से डीजीसी सिविल ने अदालत में अर्जी दी। तो वहीं प्रतिवादी पक्ष ने ज्ञानवापी से जुड़े तमाम मामलों में आपत्ति दाखिल कर दी है। प्रतिवादी पक्ष ने शिवलिंग मिलने के दावे पर कड़ी आपत्ति जताई है। वादी पक्ष और उनके अधिवक्ताओं पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। इसके साथ ही दोनों पक्षकारों को कमीशन कार्यवाही की रिपोर्ट दी गई है।
सर्वे रिपोर्ट के साथ नक्शानजरी और कार्यवाही का विवरण भी पेश
इससे पहले विशेष अधिवक्ता आयुक्त विशाल सिंह और सहायक अधिवक्ता आयुक्त अजय प्रताप सिंह ने भी अपनी सर्वे रिपोर्ट कोर्ट में पेश किया। सहायक अधिवक्ता आयुक्त अजय प्रताप सिंह ने कहा कि सर्वे रिपोर्ट दाखिल करने से पहले दोनों पक्ष के लोग कोर्ट में मौजूद रहे। सर्वे रिपोर्ट 15 पेज की है। साथ में नक्शानजरी और कार्यवाही का विवरण भी दाखिल की गई है। ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में हुए सर्वे की पहली रिपोर्ट बुधवार को तत्कालीन अधिवक्ता आयुक्त अजय कुमार मिश्र ने सौंपी थी।
डीजीसी सिविल ने अर्जी में क्या कहा
डीजीसी सिविल महेंद्र प्रसाद पांडेय ने अदालत में अर्जी देकर कहा कि ज्ञानवापी परिसर स्थित जिस तीन फीट गहरे मानव निर्मित तालाब को सील किया गया है। उसके चारों तरफ पाइपलाइन और नल हैं। उस नल का उपयोग नमाजी लोग वजू के लिए करते हैं। तालाब परिसर सील होने के कारण नमाजियों के वजू के लिए बाहर व्यवस्था की जाए। सील हुए क्षेत्र में शौचालय भी है। सील होने के बाद नमाजियों को वहां नहीं जाने दिया जा रहा है। ऐसे में उनकी व्यवस्था की जाए। साथ ही तालाब में कुछ मछलियां भी हैं। उन मछलियों को अब कहीं और पानी में छोड़ा जाए।
सोमवार का दिन हो सकता है बेहद अहम
तत्कालीन अधिवक्ता आयुक्त ने प्रशासन पर लगाया बड़ा आरोप
ज्ञानवापी मस्जिद की दीवार पर देवी-देवताओं की कलाकृति
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