डायबिटीज, वैश्विक स्तर पर बढ़ती गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ इसे ‘साइलेंट किलर डिजीज’ के रूप में वर्गीकृत करते हैं, क्योंकि यह ब्लड शुगर बढ़ाने के साथ शरीर के कई अन्य अंगों को भी गंभीर क्षति पहुंचा सकती है।
आंकड़ों पर नजर डालें तो भारत में साल 2021 तक 20-79 की आयु वर्ग वाले 74 मिलियन से अधिक लोग डायबिटीज के शिकार हैं। तेजी से बढ़ती इस समस्या के लिए आहार और जीवनशैली में गड़बड़ी को प्रमुख कारण माना जाता रहा है। एक आम धारणा के अनुसार ज्यादा मीठा खाना आपमें डायबिटीज के खतरे को बढ़ा सकती है, हालांकि सिर्फ इसे ही एक कारक मान लेना सही नहीं है। आपकी दिनचर्या की कई और आदतें भी डायबिटीज के जोखिम को बढ़ा देती हैं।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक डायबिटीज के जोखिम से बचे रहने के लिए आहार के साथ-साथ दिनचर्या को भी ठीक रखना बहुत आवश्यक होता है। हम सभी रोजाना जाने-अनजाने कई ऐसी चीजें करते रहते हैं जिसके कारण भी ब्लड शुगर का लेवल बढ़ सकता है। डायबिटीज रोगियों को इन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। आइए आगे इस बारे में विस्तार से समझते हैं।
सुबह नाश्ता न करने की आदत
हम में से ज्यादातर लोग सुबह जल्दबाजी में नाश्ता नहीं करते हैं। इस आदत को स्वास्थ्य विशेषज्ञ ब्लड शुगर लेवल को बढ़ाने वाला मानते हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि जो लोग नाश्ता नहीं करते हैं, उनके दिन में कैलोरी और वसायुक्त चीजों के सेवन की संभावना अधिक होती है, यह दोनों चीजें शुगर के स्तर को बढ़ाने वाली मानी जाती हैं।
सुबह नाश्ता न करने की आदत पेट के लिए भी कई तरह की समस्याओं का कारण बन सकती है। रात के 8-10 घंटे पेट खाली रहने के बाद सुबह कुछ न खाने से ब्लड शुगर के स्तर में तेजी से बढ़ोतरी होने का खतरा रहता है।
ज्यादा तनाव लेने की आदत नुकसानदायक
शोध बताते जो लोग अधिक तनाव लेते हैं उनमें भी तेजी से ब्लड शुगर बढ़ने का खतरा हो सकता है। वैसे तो तनाव की स्थिति सीधे तौर पर मधुमेह का कारण नहीं बनती है, पर इसके कारण शरीर में होने वाले बदलाव के चलते डायबिटीज का खतरा बढ़ सकता है।
तनाव की स्थिति में शरीर ‘कार्टिसोल’ नामक हार्मोन रिलीज होता है जो इंसुलिन गतिविधि को प्रभावित कर सकता है। कुछ अध्ययन इस बात की पुष्टि करते हैं कि कार्टिसोल के कारण रक्त शर्करा का स्तर भी तेजी से बढ़ सकता है। डायबिटीज के जोखिमों से बचे रहने के लिए तनाव को प्रतिबंधित करने वाले उपाय करते रहना आवश्यक माना जाता है।
दिन भर बैठे रहने की आदत
एक ही स्थान पर लंबे समय तक बैठे रहने की आदत कई तरह की समस्याओं को बढ़ा देती है, डायबिटीज भी उनमें से एक है। लगातार बैठे रहने के कारण शारीरिक निष्क्रियता बढ़ती है जिसके कारण शुगर लेवल, थायराइड, हृदय रोग और कई अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम भी बढ़ जाता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक बढ़ती शारीरिक निष्क्रियता कम उम्र में ही आपको कई ऐसी स्वास्थ्य समस्याओं का शिकार बना सकती है, जिसे सामान्यतौर पर उम्र बढ़ने के कारण होने वाली दिक्कतों के तौर पर जाना जाता है।
रात में देर से सोना या काम करते रहना
डायबिटीज को नियंत्रित रखने के लिए नींद पूरी करना बहुत आवश्यक माना जाता है। नींद पूरी न हो पाने के कारण शारीरिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर हो सकता है, विशेषकर इसे डायबिटीज के जोखिमों को बढ़ाने वाला कारक भी माना जाता है। रात में समय से न सोने से स्लीप साइकल प्रभावित हो जाता है, जिसके कारण कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
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